नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद से लोग बैंकों और एटीएम के बाहर के कतारों में खड़े हैं. लोगों की हालत जस की तस बनी हुई है. मारपीट से लेकर तोड़फोड़ तक की खबरें देश भर में देखने को मिल रही हैं और कई मौतेें भी हुई हैं. कैश की कमी के कारण देश भर में कई उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं. लोगों की हालत में भले ही कोई बदलाव नहीं आया हो लेकिन सरकार ने नियम बदलने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. 8 नवंबर से लेकर 21 दिसंबर तक RBI ने कुल 60 बार अपने नियम बदले हैं.


आइए जानतें हैं कि RBI ने कब, कहां और कैसे नियमों में बदलाव किए


पुराने नोट बदलने के नियमों में आए बदलाव 


8 नवंबर- सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया. उस दिन सरकार ने बैन किए पुराने नोट को बदलने की सीमा 4000 रुपये तय की.


13 नवंबर- सरकार ने नोट बदलने की लिमिट को बढ़ाकर 4500 रुपये की.


17 नवंबर - चार दिनों बाद सरकार ने नोट बदलने की सीमा को घटाकर 2000 कर दी.


24 नवंबर - पुराने नोट को बदलने पर सरकार ने रोक लगा दी.


कैश निकालने पर कब-कब बदले नियम


8 नवंबर- सरकार की तरफ से कहा गया कि कोई भी शख्स एक एटीएम कार्ड से 2000 रुपये निकाल सकता है, वहीं बैंक से एक हफ्ते में 20 हजार रुपये और एक दिन में 10 बजार रुपये निकाले जा सकते हैं.


13 नवंबर- एटीएम से कैश निकालने की सीमा को बढ़ाकर सरकार ने 2500 रुपये की गई और साथ ही बैंक से भी कैश निकालने की सीमा को बढ़ाते हुए सरकार ने 20 हजार से 24 हजार कर दिया. 10,000 के डेली लिमिट खत्म कर दी.


पुराने नोटों के इस्तेमाल पर नियम


8 नवंबर- नोटबंदी की घोषणा के साथ ही सरकार ने पुराने नोट को सरकारी अस्पताल, पेट्रोल पंप, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन पर इस्तेमाल करने की छूट दी.


9 नवंबर - इसके अगले ही दिन सरकार ने यह धोषणा की कि ये पुराने नोट मेट्रो स्टेशन, टोल प्लाजा, दवा की दुकानों पर चलेंगे.


10 नवंबर- पुराने नोटों से सरकारी स्कूलों और यूनिवर्सिटी की फीस, बिजली बिल, पानी का बिल और टैक्स भरे जा सकते हैं.


14 नवंबर - 14 नवंबर को सरकार ने कहा कि पुराने नोटों को इस्तेमाल करने की छूट जिन खास जगहों पर दी गई है वह 24 नवंबर तक के लिए ही है.


24 नवंबर - 1000 रुपये के नोट पूरी तरह से बंद कर दिए गए, 500 के नोट चलते रहेंगे.


पैसे जमा कराने के नियम


8 नवंबर- सरकार ने कहा कि बिना किसी किसी हड़बड़ी के 30 दिसंबर तक पैसे जमा कराइए.


19 दिसंबर- सरकार ने अपने नए फैसले में कहा कि सारे पैसे एक बार में जमा करने होंगे और अब तक क्यों नहीं जमा कराया यह बैंक को बताना होगा.


21 दिसंबर - इसके बाद 21 दिसंबर को सरकारन यू-टर्न लेते हुए फैसले को बदल दिया और कहा कि बैंक में पैसा जमा कराने वक्त कुछ नहीं पूछा जाएगा.


नोटबंदी को लेकर जनता के बीच परेशानी तो है ही, लेकिन सबसे ज्यादा नाराज़गी इस बात को लेकर है कि सरकार के दबाव में आरबीआई ने इतनी बार नियम बदले कि वे समझ ही पाए कि सरकार करना क्या चाह रही है. इसकी वजह से लोगों में काफी अफवाहें भी फैली. सोशल मीडिया पर सरकार और आरबीआई का मज़ाक उड़ा. विपक्ष ने पीएम मोदी को भी निशाने पर लिया.