केरल ने कोरोना वायरस की धार को कुंद करने में सफलता हासिल की है. रविवार को यहां दो कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आए. आंकड़ों में भारी गिरावट पिछले कई दिनों से देखी जा रही है. गौरतलब है कि भारत महामारी के खिलाफ लड़ाई में जूझ रहा है. देश में आंकड़े कम होने के बजाए हर दिन बढ़ ही रहे हैं. मगर केरल के आंकड़े महामारी के प्रति राज्य सरकार की सूझबूझ का परिचय दे रहे हैं.


केरल ने कुंद की कोरोना वायरस की धार


केरल में 30 जनवरी को कोरोना संक्रमण का पहला मरीज मिला था जबकि 13 अप्रैल तक बढ़कर मरीजों की संख्या 378 हो गई. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक यहां अबतक 198 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. यहां सबसे ज्यादा स्वस्थ होने वाले मरीजों की तादाद रही. राज्य सरकार ने  महामारी की गंभीरता को शुरू में समझ लिया था. 18 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 को लेकर अलर्ट जारी किया. उसके बाद विदेश से आनेवाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की कवायद शुरू कर दी गई.


 14 के बजाए 28 दिनों का किया क्वारंटाइन


संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए विदेशी यात्रियों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए. जिसमें उन्हें अपनी यात्रा और स्वास्थ्य के बारे में बताना होता था. सरकार की सक्रियता की बदौलत ही कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए त्वरित पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई. कंटैक्ट टेस्टिंग को अपनाया गया और पीड़ितों को 28 दिनों का क्वारंटाइन किया गया. आम तौर पर क्वारंटाइन की अवधि 14 दिनों की होती है मगर सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह से दोगुना समय बचाव और उपाय पर लगाया.


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