नई दिल्ली: शराब का अजीब नशा है. एक बार चढ़ जाए तो लाख कोशिश बाद भी आसानी से उतरता नहीं. लॉकडाउन में 40 दिनों तक लोग बिना शराब सेवन के घर में जैसे-तैसे रह लिए. लेकिन इसके बाद जब शराब की दुकानें खुली तो फिर रहा नहीं गया. कोरोना से खुद को बचाने की चिंता किए बगैर लग गए लंबी-लंबी लाइनों में.


कोरोना काल में कोई सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया. यहां तक कि कुछ राज्य सरकारों ने शराब की कीमत 70-75 तक फीसदी बढ़ा दी, लेकिन शराब के शौकीनों को इससे भी कोई फिक्र नहीं. उन्हें पीना है, तो फिर हर कीमत पर पीना है. हम यहां आपको देश में शराब के शौकीनों से संबंधित कुछ आंकड़े बता रहे हैं.


देश में 16 करोड़ लोग शराब के शौकीन
एम्स की 2019 स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 16 करोड़ लोग शराब के शौकीन हैं, यानि कि इतने लोग शराब का सेवन करते हैं. देश की 1.6% महिलाओं की तुलना में 27.3% पुरुष शराब का सेवन करते हैं. इनमें से 5.7 करोड़ ऐसे हैं, जिन्हें शराब की लत है. 5.7 करोड़ लोग नियमित रूप से शराब पीते ही हैं. ऐसे लोगों के लिए शराब पीना काफी हानिकारक हो सकता है.




भारत में कितनी है शराब की खपत
भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं. इन राज्यों में से बिहार, गुजरात, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में शराब प्रतिबंधित है. बाकी बचे राज्यों के लोग हर साल करीब 600 करोड़ लीटर शराब पी जाते हैं. देश में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2005 से 2016 तक दोगुनी हो गई है.


डब्ल्यूएचओ 2018 रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005 में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2.4 लीटर थी जो 2016 में 5.7 लीटर हो गई. 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत में सालाना 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2010 में पुरुष सालाना 7.1 लीटर शराब पीते थे, 2016 में बढ़कर ये खपत 9.4 लीटर हो गई. 2010 में महिलाएं 1.3 लीटर शराब पीती थीं. 2016 में यही मात्रा बढ़कर 1.7 लीटर हो गई.


आपके लिए ये जानना भी जरूरी है कि शराब की वजह से दुनियाभर में 30 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं भारत में 2.64 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं.


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