ब्रिटेन में कोविड-19 के नए स्ट्रेन मिलने के बाद दुनियाभर में हलचल मची हुई है तो वहीं कई देशों ने ब्रिटेन जाने और आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. भारत में भी ब्रिटेन के कोरोना स्ट्रेन के कई मामले सामने आए हैं. जिसके बाद सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं. ऐसे में लोग यह जानना चाह रहे हैं कि ब्रिटेन के नए कोरोना स्ट्रेन से भारत में लोगों को कितना खतरा है और इसको लेकर क्या कदम उठाया जाना चाहिए?


ब्रिटेन के नए कोरोना स्ट्रेन के बारे में बोलते हुए एम्स से डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस ने कई जगहों पर अपने रूप बदल लिए हैं. ब्रिटेन के नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर सबसे बड़ी चिंता की बात ये हैं कि यह ज्यादा संक्रमणकारी है और तेजी के साथ फैलता है.





गुलेरिया ने कहा- अध्ययन से यह पता चलता है कि ब्रिटेन के स्ट्रेन ज्यादा इन्फैक्शियस होने की वजह से यह चिंता की बड़ी वजह है और सरकार ने यूके से आने वाली फ्लाइट्स को बंद करने समेत कई कदम उठाए हैं.  एम्स के डायरेक्टर ने आगे कहा- अगर ब्रिटेन के स्ट्रेन के चलते कोविड-19 के मामलों में इजाफा होता है तो हम उस पर एक्शन लेंगे.


उन्होंने कहा- कोरोना को लेकर भारत बहुत अच्छी स्थिति में है और रोजाना के मामलों में काफी कमी आई है. हमारी रिकवरी दर काफी ऊंची है और मृत्युदर काफी कम है.


गुलेरिया ने कहा-  ऐसा संभव है कि ब्रिटेन का नया स्ट्रेन भारत में नवंबर या फिर दिसंबर की शुरुआत में ही आ गया हो. लेकिन, अगर आप इस स्ट्रेन के बारे में देखें तो यह तेजी के साथ फैलता है. परंतु, भारत के मामले में पिछले 4-6 हफ्ते के दौरान कोरोना के मामलों में कोई इजाफा नहीं हुआ है.


एम्स के डायरेक्टर ने कहा- अगर ब्रिटेन का कोरोना स्ट्रेन भारत में आ भी चुका था तो यह हमारे कोरोना के मामले और हॉस्पीटलाइजेशन पर असर डाल सकता है. लेकिन, हमें अतिरिक्त सावधानी रखने की जरूरत है और भारत में इसे व्यापक तौर पर ना आने दें.


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