नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर जबर्दस्त भरोसा दिखाया है. हालांकि, इस बार जिन प्रतिनिधियों को जनता ने चुनकर भेजा है, उनमें करोड़पति सांसदों से लेकर आपराधिक केस वाले सासंदों की संख्या पहले से अधिक है. मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के बेटे छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए हैं और वह ADR के रिपोर्ट के मुताबिक इस लोकसभा के सबसे अमीर सांसद हैं. वहीं चंद्राणी मुर्मू ओडिशा में क्योंझर लोकसभा सीट से जीतीं हैं जो सबसे युवा सांसद हैं. चंद्राणि इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी की तलाश में थी लेकिन अब वो सांसद बन गई हैं.
ऐसे में जब जनता द्वारा चुने गए सांसद अलग-अलग बैकग्राउंड से हैं तो आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि इनकी सैलेरी कितनी होगी. आज हम आपको सांसदों की सैलरी के बारे में बताने जा रहे हैं.
कितनी होती है सांसदों की सैलेरी
हाल में ही मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक्ट 1954 में संशोधन कर सांसदों की सैलरी बढाई गई थी. पहले सांसदों को मासिक 50 हजार रुपये की सैलरी मिलती थी लेकिन अब उन्हें 1 लाख रुपए महीने की सैलरी मिलती है. किसी भी सांसद को उसका वेतन और भत्ता मेंबर ऑफ पार्लियामेंट एक्ट 1954 सैलरी, अलाउंस और पेंशन के तहत दिया जाता है.
बेसिक सैलरी के अलावा सांसदों को कई अन्य तरह के भत्ते भी मिलते हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में..
1-मासिक वेतन :
लोकसभा के हर एक सदस्य को प्रति महीने 1 लाख रुपए की सैलरी मिलती है.
दैनिक भत्ता :
दैनिक भत्ते की बात करें तो हर सांसदों को प्रतिदिन 2,000 रुपये इसके नाम पर मिलते हैं
संवैधानिक भत्ता :
इस भत्ते के नाम पर इन सांसदों को प्रति महीने 45,000 रुपये का भुगतान किया जाता है.
कार्यालय व्यय भत्ता :
कार्यालय व्यय भत्ते के नाम पर एक सांसद को 45000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। इसमें से वह 15 हजार रुपए स्टेशनरी और पोस्ट आइटम्स पर खर्च कर सकते हैं. इसके अलावा अपने सहायक रखने पर सांसद 30 हजार रुपए खर्च कर सकते हैं.
यात्रा भत्ता
कभी किसी मीटिंग के सिलसिले में सांसदों को कहीं आना-जाना होता है तो उसके लिए उन्हें यात्रा भत्ता मिलता है. सांसदों को मिलने वाले यात्रा भत्ते के बारे में जानते हैं.
रेल यात्रा की बात करें तो हर महीने के आधार पर एक फ्री नॉन-ट्रांसफेयरेबल फर्स्ट क्लास एसी या किसी भी एक्जेक्यूटिव क्लास का ट्रेन पास और एक फर्स्ट क्लास और एक सेकेंड क्लास का किराया भी दिया जाता है. इसके अलावा हवाई यात्रा की बात करें तो हवाई यात्रा का 25 प्रतिशत ही सांसदों को देना पड़ता है. इस छूट के साथ एक सांसद सालभर में 34 हवाई यात्राएं कर सकता है. यह सुविधा सांसद के पति/पत्नी दोनों के लिए है. अगर कोई सांसद सड़क मार्ग से यात्रा करता है तो कहीं की भी यात्रा करने पर 16 रुपये प्रति किमी के हिसाब से यात्रा भत्ता इन सांसदों को मिलता है. सबसे खास बात यह है कि सांसदों की सैलेरी पर टैक्स नहीं लगता है.
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