नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रही है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 77 लाख के पार पहुंच गई है. ऐसे में सभी को कोरोना वैक्सीन का इंतजार है. हालांकि देश में इस जानलेवा वायरस की कई वैक्सीन्स पर काम हो रहा है. इन सबके बीच आज बिहार में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में राज्य के सभी लोगों को निशुल्क कोरोना वायरस उपलब्ध कराने का वादा किया है. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि अगर वैक्सीन को लेकर सब कुछ सही रहा तो देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन की कीमत क्या हो सकती है.


कोरोना वैक्सीन के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) का नेतृत्व करने वाले और नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा था कि अभी वैक्सीन की कीमत नहीं बताई जा सकती. लेकिन हमने वैक्सीन बनानी वाली कंपनियों से कीमत की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. जैसे जैसे ट्रायल आगे बढ़ेगा, स्थिति की जानकारी मिल जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि एक बार जब वैक्सीन आ जाएगी तो उसे नागरिकों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं.


कोरोना की अलग-अलग वैक्सीन की क्या कीमत हो सकती हैं?


एक रिपोर्ट के जरिए जताए गए अनुमान के मुताबिक-




  • NOVAVAX- सीरम इंस्टीट्यूट- कीमत 240 रुपए

  • OXFORD ASTRAZENECA- सीरम इंस्टीट्यूट- कीमत 1000 रुपए

  • भारत बायोटेक- अभी कोई जानकारी नहीं

  • रूस की वैक्सीन स्पुतनिक V- अभी कोई जानकारी नहीं


विश्व स्तर पर सात से ज्यादा टीके के परीक्षण अंतिम चरण में 


मॉडर्ना की वैक्सीन


अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना जल्द ही अपनी कोरोना वैक्सीन बाजार में लाने वाली है. अमेरिका में एमआरएनए-1273 वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में 30 हजार वॉलंटियर्स शामिल हो रहे हैं. मॉर्डना की वैक्सीन अगले साल के मध्य तक ही लोगों को मिल पाएगी. कई देशों ने वैक्सीन के लिए कंपनी से पहले ही अनुबंध कर रखा है.


भारत बायोटेक की वैक्सीन


हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक अभी दो कोविड-19 टीकों पर काम कर रहा है, जिनमें से कोवाक्सिन का परीक्षण दूसरे चरण में है.अध्ययनों से पता चला है कि यह टीका वॉलंटियर्स में मजबूत प्रतिरक्षा देने में सक्षम रहा है. आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक कोरोना की वैक्सीन को तैयार कर रहा है. यह वैक्सीन अपने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार है.


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन प्रोजेक्ट में स्वीडन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका भी शामिल है. इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया जा रहा है. लोगों के लिए इस वैक्सीन की खुराक दिसंबर से उपलब्ध होंगी. कहा जा रहा है कि अगले छह महीनों में ही सभी के लिए डोज उपलब्ध हो जाएंगे. इस वैक्सीन को भारत में कोविशिल्ड के नाम से बेचा जाएगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुमान के अनुसार इसकी एक खुराक की कीमत 250 रुपये हो सकती है.


रूस की वैक्सीन स्पुतनिक V


रूस ने अगस्त में स्पुतनिक V को पंजीकृत करके COVID-19 वैक्सीन की दौड़ में पहला स्थान हासिल कर लिया है. हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अफवाहें जोर पकड़ रही हैं. यदि सब कुछ ठीक रहा, तो वैक्सीन की शुरुआती खुराकें जनवरी 2021 तक जनता के लिए उपलब्ध हो सकती हैं. स्पूतनिक-5 वैक्सीन को मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों और रूस के रक्षा मंत्रालय ने मिलकर बनाया है. रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड ने भारत को कोरोना वायरस की वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' के 10 करोड़ डोज देने के लिए करार किया है.


भारत बायोटेक का वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ करार


भारत बायोटेक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ कोविड-19 की वैक्सीन-नोवल चिम्प एडीनोवायरस (चिंपांजी एडीनोवायरस) के लिए एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. भारत बायोटेक नाक के जरिए जाने वाले एडेनोवायरस वैक्सीन की एक अरब खुराक तक का उत्पादन करने के लिए काम कर रहे हैं. देश में फिलहाल यह टीका पहले चरण के परीक्षण में है. इसके अलावा देश में जायडस कैडिला हेल्थ केयर लिमिटेड और सीरम इंस्टिट्यूट पुणे की वैक्सीन का भी ट्रायल चल रहा है.


यह भी पढ़ें-


महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और NCP के वरिष्ठ नेता अजीत पवार कोरोना पॉजिटिव, घर में क्वारंटीन


देश में कोरोना रिकवरी रेट 90 प्रतिशत के करीब लेकिन महाराष्ट्र, दिल्ली और बंगाल ने कम किए टेस्टिंग