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एंटीलिया मामले की जांच में कैसे आई NIA, यहां पढ़ें पूरी जानकारी
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई थी जिसमें जिलेनटिन की 20 छड़ें थीं. इसके बाद सामने आया कि ये गाड़ी मनसुख हिरेन नाम के शख्स की है. 5 मार्च को मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ. 8 मार्च को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक वाली गाड़ी का मामला एनआईए को सौंपा गया.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद 8 मार्च 2021 को मुंबई के एंटीलिया के पास विस्फोटक भरी गाड़ी मिलने के मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथ में ली थी. मात्र एक सप्ताह के भीतर ही एनआईए ने इस मामले की गुत्थी खोलने का दावा करते हुए मुंबई पुलिस के शूटर कहे जाने वाले पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे को गिरफ्तार भी कर लिया है.
मुंबई में एंटीलिया इमारत के पास 25 फरवरी 2021 को जिलेटिन की 20 छड़ों समेत एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई थी. इस मामले की सूचना एंटीलिया के मुख्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा वामदेवी पुलिस थाने को दी गई थी और बाद में मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई थी. इस मामले में अहम तथ्य यह भी सामने आया था कि यह गाड़ी मनसुख नाम के शख्स की है, जिससे मुंबई पुलिस ने आरंभिक पूछताछ की थी. लेकिन उसके बाद 5 मार्च को मनसुख का शव रहस्यमय परिस्थितियों में पाया गया.
मनसुख के परिजनों ने हत्या का आरोप पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे पर लगाया.केंद्र सरकार की अधिसूचना 8 मार्च 2021 को जारी की गई जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया कि मुंबई में विस्फोटक से भरी गाड़ी की बाबत जो मुकदमा दर्ज हुआ है, वह एनआईए एक्ट 2008 की परिधि में आता है और केंद्र सरकार यह समझती है कि इस मामले की जांच गंभीरता को देखते हुए एनआईए द्वारा ही की जानी चाहिए लिहाजा इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाती है.
साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमले के बाद एनआईए की गठन को लेकर संसद में 31 दिसंबर 2008 को प्रस्ताव पास किया था और साल 2009 में यह एजेंसी अपने अस्तित्व में आ गई थी. एनआईए केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के तौर पर काम करता है और पूरे देश भर में कहीं भी यदि विस्फोटक अधिनियम या आतंकवादी गतिविधियों के तहत कोई मुकदमा दर्ज होता है तो उस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार को अधिसूचना जारी करनी होती है.
केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होने के फौरन बाद ही एनआईए ने एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस की एफआईआर और केंद्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर अपने यहां मुकदमा दर्ज कर लिया था. मात्र 1 सप्ताह के भीतर ही मामले का पर्दाफाश करते हुए मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर सचिन वाजे को गिरफ्तार भी कर लिया.
एनआईए ने जम्मू कश्मीर, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल और महाराष्ट्र समेत देश के विभिन्न भागों में आतंकवाद से संबंधित अनेक अहम केसों को अपने हाथ में लिया है और उन्हें सफलतापूर्वक निपटाया भी है. यह एनआईए की जांच है कि कश्मीर के अलगाववादी नेता आतंकवादी फंडिंग के आरोप में पिछले 3 सालों से अभी जेल की सलाखों के पीछे हैं क्योंकि एनआईए का दावा है कि जांच के दौरान अहम सबूत एकत्र करने के बाद ही किसी की गिरफ्तारी करता है.
एंटीलिया केस: मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 25 मार्च तक के लिए NIA की हिरासत में भेजा गया
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