एक्सप्लोरर

Explained: कैसे भारत और इस्लामिक सहयोग संगठन के बीच संबंधों में हुआ सुधार? OIC के साथ रहा है कड़वा इतिहास

Organisation of Islamic Cooperation: 57 देशों वाले अंतर-सरकारी संगठन ओआईसी, इसका इतिहास और भारत के साथ रिश्ते, आइये जानते हैं सबकुछ.

India OIC Relations Explained: इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के साथ भारत के संबंधों का जिक्र एक बार फिर हो रहा है. इस संगठन के साथ भारत के रिश्तों का इतिहास बहुत मधुर नहीं रहा है. संबंधों की चर्चा इसलिए हो रही है कि क्योंकि हाल में ओआईसी सेक्रेटरी जनरल हिसेन ब्राहिम ताहा (Hissein Brahim Taha) ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) का दौरा किया और 'कश्मीर राग' छेड़ा. भारत ने भी इसका जवाब दिया. भारत हमेशा से कहता आया है कि कश्मीर मुद्दे से ओआईसी का कुछ भी लेना-देना नहीं है, वो इससे दूर रहे. 

ओआईसी महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा हाल में 10 से 12 दिसंबर तक पीओके दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने माडिया से बात करते हुए कश्मीर मुद्दे पर न सिर्फ रुचि दिखाई, बल्कि कहा कि कश्मीर भी इस्लामिक सहयोग संगठन का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ''हमारे ऊपर कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढने की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है.'' ताहा के बयान के बाद भारत ने उनके पीओके दौरे और कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर कड़ी निंदा की. 

OIC महासचिव को भारत का जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 13 दिसंबर को कहा कि कश्मीर मामले में ओआईसी के पास कोई अधिकार नहीं है और इसके महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा पाकिस्तान के 'मुखपत्र' बन गए हैं. बागची ने कहा, ''ओआईसी और उसके महासचिव का भारत के आंतरिक मामलों में दखल का प्रयास पूरी तरह से अस्वीकार्य है. ओआईसी मुद्दों पर साम्प्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत नजरिया अपनाकर पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. दुर्भाग्य से इसके महासचिव पाकिस्तान के प्रवक्ता बन गए हैं. उम्मीद है कि सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ाने में वह हिस्सा लेने से बचेंगे'' 

कथित तौर पर अक्सर पाकिस्तान के उकसावे पर मु्स्लिम बाहुल्य राष्ट्रों वाला अंतर-सरकारी संगठन ओआईसी कई मौकों पर भारत सरकार की निंदा करने की कोशिशें करता आया है. ताजा विवाद को छोड़ दें तो दिल्ली और ज्यादातर तेल समृद्ध पश्चिम एशियाई देशों वाले ओआईसी के बीच अतीत के मुकाबले संबंधों में अहम सुधार देखा गया है. सबसे पहले इस संगठन और इसके साथ पुराने रिश्तों के बारे में जान लेते हैं.

क्या इस्लामिक सहयोग संगठन है?

संयुक्त राष्ट्र के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा देशों वाला संगठन है. यह 57 देशों (ज्यादातर मुस्लिम मुल्क) वाला संगठन है. 'मुस्लिम जगत की सामूहिक आवाज' के तौर पर इसे जाना जाता है लेकिन इस पर धर्म के चश्मे से मुद्दों को देखने का आरोप लगता है. 

ओआईसी का मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दाह में है. संगठन का गठन सितंबर 1969 में मोरक्को के रबात में एक शिखर सम्मेलन के बाद हुआ था. दरअसल, उसी वर्ष एक 28 वर्षीय आस्ट्रेलियाई नागरिक ने येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद इस्लामिक मूल्यों और प्रतीकों की सुरक्षा, दुनियाभर के मुस्लिम समुदायों के हितों की रक्षा-संरक्षण और देशों के बीच शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ओआईसी का गठन किया गया था. चूंकि संगठन दुनिया की एक बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इसका राजनीतिक महत्व भी है.

भारत से कम मुस्लिम आबादी वाले देश ओआईसी में

अहम मुस्लिम आबादी वाले बोस्निया-हर्जेगोविना, वैश्विक स्तर पर गैर-मान्यता प्राप्त उत्तरी साइप्रस, अल्पसंख्यक और बहुत कम मुस्लिम आबादी वाले रूस, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और थाईलैंड जैसे देश ओआईसी में पर्यवेक्षक रूप में शामिल हैं. वहीं, भारत में जहां मुस्लिमों की वैश्विक आबादी का करीब दसवां हिस्सा रहता है, वह इस संगठन का न तो सदस्य है और न ही इसमें पर्यवेक्षक है. 

भारत नहीं हुआ ओआईसी में शामिल

मुस्लिम आबादी वाले दूसरे सबसे बड़े देश के रूप में भारत को भी 1969 में ओआईसी के गठन के वक्त रबात में आमंत्रित किया गया था. पाकिस्तान नहीं चाहता था कि भारत संगठन में रहे. इसके बाद भारत ने भी ओआईसी से दूरी बना ली. दरअसल, भारत भी नहीं चाहता था कि धर्म के आधार पर गठित किए गए संगठन में वह शामिल हो. संगठन में रहने का एक जोखिम यह भी था कि कश्मीर जैसे मुद्दे पर सदस्य देशों की ओर से समझौता करने का दबाव बनाया जा सकता था. 

2003 में भारत ने संगठन की बैठक में भाग लेने और सदस्य बनने के कतर के निमंत्रण को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था यह आधिकारिक निमंत्रण नहीं था और सभी सदस्यों ने इसके लिए सहमति नहीं दी थी.  

2006 में भारत ने सऊदी अरब की ओर से पर्यवेक्षक बनने के एक अन्य प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. 2018 में बाग्लादेश ने ओआईसी को सुझाव दिया कि भारत में 10 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं, इसलिए उसे पर्यवेक्षक का दर्जा दिया जाना चाहिए. तब पाकिस्तान ने बांग्लादेश के इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया था. 

पाकिस्तान के उकसावे में आता रहा है ओआईसी

चूंकि पाकिस्तान ओआईसी का सदस्य है और भारत के साथ उसके हमेशा से संबंध तल्ख हैं, भारत और इस्लामिक देशों के बीच संबंधों पर उसे हमेशा आपत्ति रही है. पिछले पांच दशकों में पाकिस्तान ने बार-बार ओआईसी को कश्मीर मुद्दे पर भारत सरकार की आलोचना करने के लिए राजी किया. 2019 में पाकिस्तान ने संगठन पर दबाव डाला कि वह कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार की निंदा करे. वहीं इस साल (2022) की शुरुआत में ओआईसी ने नफरत फैलाने वाले भाषणों और कर्नाटक हिजाब विवाद को लेकर भारत की निंदा की थी. हालांकि, भारत ने ओआईसी के सभी आरोपों से इनकार कर दिया था. 

भले ही ओआईसी ने कश्मीर को लेकर दिल्ली की आलोचना करना जारी रखा है लेकिन इसने भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए इस्लामाबाद की आपत्तियों को तेजी से दरकिनार किया है.

यहां से हुई संबंधों में सुधार की शुरुआत 

पांच दशकों का गतिरोध तब टूट गया जब पाकिस्तान की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए संयुक्त अरब अमीरात ने 2019 में ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' के रूप में आमंत्रित किया. यह बैठक पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना के एयर स्ट्राइक के तीन दिन बाद आयोजित हुई थी. तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बैठक के पूरे सत्र में भाग लिया था. ओआईसी में यह भारत की पहली मौजूदगी थी. पाकिस्तान ने बैठक का बहिष्कार किया था. 

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, 2019 में भारत को 'गेस्ट ऑफ ऑनर' का निमंत्रण, ओआईसी के दो अहम सदस्यों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के साथ दिल्ली के मजबूत सहयोग का नतीजा था. आपसी हित और आर्थिक सहयोग की जरूरत अन्य तेल समृद्ध पश्चिम एशियाई देशों और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का आधार बनी.

ओआईसी के साथ बेहतर होते संबंधों की गवाही देते हैं ये आंकड़े

केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच, खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council) देशों के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 87.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 154.7 बिलियन डॉलर हो गया. खाड़ी सहयोग परिषद में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, बहरीन, कतर और ओमान शामिल हैं. ये सभी देश इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य हैं. अबू धाबी और रियाद के साथ दिल्ली का रक्षा सहयोग भी मजबूत हुआ है. 

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन के साथ भी भारत के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में इजाफा दर्ज किया गया है. इस संगठन के साथ वित्तीय वर्ष 2021-22 में पहली बार 100 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा पार हो गया. इस सगठन में शामिल  इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रुनेई ओआईसी के भी सदस्य हैं. वहीं, ओआईसी के अन्य सदस्य मालदीव और बांग्लादेश ने भी भारत की 'पड़ोसी पहले' की विदेश नीति की हिमायत करते हुए दिल्ली के साथ संगठन के रिश्ते बेहतर बनाने में मदद की है.

यह भी पढ़ें- Parliament Winter Session: संसद में गूंजा तवांग क्लैश, विपक्ष का वॉकआउट, सरकार बोली- जवानों की आलोचना नहीं | पढ़ें Updates

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget