Punjab Election 2022: पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को बड़ी सफलता हासिल मिली. एक दिसंबर को अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी के प्रेसिडेंट रहे मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी में शामिल होने के चार हफ्तों के भीतर ही मनजिंदर सिरसा ने सुरक्षा में इजाफा हो गया. गृह मंत्रालय ने बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के सुरक्षा कवर को 'Z' कैटेगरी में अपग्रेड कर दिया है. इससे पहले उनके पास 'Y' कैटेगरी की सुरक्षा था.


बीजेपी के लिए कितना अहम हैं मनजिंदर सिंह सिरसा
कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने पक्ष में करने के बाद मनजिंदर सिंह सिरसा को साधना बीजेपी के लिए पंजाब में दूसरी बड़ी कामयाबी है. राज्य में बीजेपी सिखों और किसानों को वापस लगातार जीतने की कोशिश कर रही है. बीते कुछ महीनों से बीजेपी को MSP और अन्य मुद्दों पर चल रहे किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. मनजिंदर सिंह के बीजेपी में आने से भगवा दल को पंजाब चुनाव में खुद को सिखों की हितैषी पार्टी बताने में मदद मिलेगी. इसलिए बीजेपी के लिए सिरसा अहम है.


26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से बीजेपी सिखों को और अधिक मजबूती से लुभा रही है. सिरसा का पार्टी में शामिल होना उसी दिशा में एक कदम प्रतीत होता है.


दो बार दिल्ली विधानसभा के विधायक होने के अलावा, सिरसा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के अध्यक्ष भी रहे हैं. इसी वजह से उनकी सिखों के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है.  नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होने से कुछ समय पहले ही उन्होंने सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी से इस्तीफा दे दिया था.


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