नई दिल्ली: कोरोना काल में संसद की कार्यवाही को चलाने को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू और लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने आज 2 घंटे तक बैठक की. बैठक में तमाम तरह की संभावनाओं पर विचार किया गया कि कैसे संसद का सत्र सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चलाया जा सकता है.
लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन के बीच हुई बैठक
बैठक के बाद वेंकैया नायडू और ओम बिरला ने लोकसभा और राज्यसभा के चेंबर और गैलरी का भी मुआयना किया. बैठक में चर्चा की गई कि जब लोकसभा की कार्यवाही चल रही हो, उस दौरान लोकसभा के सांसद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए दोनों सदनों के चेंबर में बैठ सकते हैं. इसी तरह से जब राज्यसभा की कार्यवाही चल रही हो तो राज्यसभा के भी सांसद दोनों सदनों के चेंबर में बैठकर सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन सकते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा के चेंबर और गैलरी में भी सांसदों को बैठाने पर चर्चा
राज्यसभा के चेंबर और गैलरी मिलाकर 127 सांसदों के बैठने का इंतजाम किया जा सकता है, वहीं लोकसभा के चेंबर और गैलरी मिलाकर 290 सांसदों को बैठाया जा सकता है. और अगर एक सदन का सांसद दूसरे सदन की गैलरी या चेंबर में बैठा है, तो उसको कैसे सदन की कार्यवाही से जोड़ा जा सकता है, इसको लेकर विचार किया गया.
संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता
लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सेक्रेटरी जनरल से कहा गया है कि वह संभावनाओं के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विचार करें, जिससे कि कोई फैसला लिया जा सके. गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र जुलाई-अगस्त में होता था, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते, अभी तक उसकी कोई तारीख तय नहीं हुई है. संविधान के मुताबिक संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता और इसी वजह से कोशिश की जा रही है कि सितंबर के आखिरी हफ्ते से पहले संसद का मॉनसून सत्र पूरा किया जा सके.
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