Udaipur Killing: राजस्थान के उदयपुर टेलर कन्हैया की मंगलवार को बेहरहमी से हत्या कर दी गई. पुलिस ने उन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना के बाद लगातार शांति की अपील की जा रही है. आइये जानते हैं कि आखिर वो क्या वजह रही जिसके चलते कन्हैया की इतनी बेरहमी से हत्या कर दी गई. दरअसल, ये पूरा मामला इस महीने की 10 तारीख से शुरू होता है. दस जून को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कन्हैया पर केस दर्ज हुआ था.
क्या है विवाद?
टेलर कन्हैया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 15 जून को कन्हैया की जमानत पर रिहाई हो गई थी. 17 जून को कन्हैया को जान से मारने की धमकी मिली. धमकी मिलने के बाद कन्हैया ने पुलिस से शिकायत की. कन्हैया ने जान का खतरा बताकर और सुरक्षा की मांग की थी. इसके बाद दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया गया था. इसके बाद 17 जून का सामने आया है, जिसमें आरोपी रियाज ने सर कलम करने की धमकी दी थी. अब सवाल ये है कि क्या पुलिस ने दबाव बनाकर कन्हैया से समझौते पर साइन करवाया था? सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हुई होती तो कन्हैया को बचाया जा सकता था.
सात थाने क्षेत्रों में कर्फ्यू
घटना के बाद रात आठ बजे उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है. मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने मंगलवार शाम उच्चस्तरीय बैठक की और सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.
सरकारी बयान में मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किए जाने, सभी जिलों में आगामी एक माह तक धारा 144 लागू करने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्तों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो के मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए, साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
जांच के लिए भेजा गया दल
केंद्र उदयपुर में मंगलवार को की गई एक दर्जी की नृशंस हत्या को आतंकवादी हमला मान रहा है और एक जांच दल भेजा गया है जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से यह बात सामने आई है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मामले की गहन जांच करेगा और गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पृष्ठभूमि की पड़ताल करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह एक आतंकी मामला लगता है और इसकी गहन जांच की जरूरत है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगालना शामिल है.
कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है. घटना से सांप्रदायिक तनाव पैदा होने के बाद उदयपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
रियाज अख्तरी के संबंध पाक के दावत-ए-इस्लामी से
दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देने के आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उनमें से एक ने खुद की पहचान रियाज अख्तरी के रूप में की. अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से मिले हैं, जिसकी भारत में भी शाखाएं हैं. दावत-ए-इस्लामी के कुछ सदस्य 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या सहित कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे.
पुलिस के अनुसार आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से पकड़ा गया. राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा कि दोनों आरोपी मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें भीम क्षेत्र में नाकेबंदी के दौरान पकड़ लिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आरोपियों की पहचान की पुष्टि की है. 10 टीम को आरोपियों की तलाश में लगाया था.’’