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धनतेरस विशेष: इन पांच उपायों से घर आएंगी लक्ष्मी, दूर रहेंगी दरिद्रा
सामान्यत: हम मां लक्ष्मी को धन की देवी कहते हैं लेकिन ये पूरी तरह सत्य नहीं है. यदि हम पुराणों का अध्ययन करें तो लक्ष्मी सुख और संपन्नता की देवी हैं और यदि हम उनके नाम का विशिष्ट रूप से अध्धयन करें तो वह लक्ष्य यानि गंतव्य तक पहुंचाने वाली देवी भी हैं.
धनतेरस और दीपावली को लेकर पूजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बीच लोगों की सबसे बड़ी चाहत होती है कि कैसे ज्यादा से ज्यादा मां लक्ष्मी का प्रवेश घर में हो. कौन से ऐसे उपाय करें जिससे मां लक्ष्मी घर में देर तक रूकी रहीं.
आपकी इस चाहत में हम आपकी मदद कर रहे हैं. हम आपको बता रहे हैं ऐसा क्या करेंगे तो मां लक्ष्मी आपके घर खुशहाली और दौलत का पिटारा लेकर आएं.
सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं मां लक्ष्मी का वास्तविक अर्थ क्या है और किन-किन कारणों से मां लक्ष्मी हमारे घर में विराजती हैं या विराज सकती हैं.
सामान्यत: हम मां लक्ष्मी को धन की देवी कहते हैं लेकिन ये पूरी तरह सत्य नहीं है. यदि हम पुराणों का अध्ययन करें तो लक्ष्मी सुख और संपन्नता की देवी हैं और यदि हम उनके नाम का विशिष्ट रूप से अध्धयन करें तो वह लक्ष्य यानि गंतव्य तक पहुंचाने वाली देवी भी हैं.
लक्ष्मी केवल करेंसी ही नही हैं, बल्कि लक्ष्मी के स्वरूप का अध्ययन करने पर पता चलता है कि लक्ष्मी संपन्नता की देवी हैं. हम देवी देवता के स्वरूप को ढ़ग से नहीं समझते इसलिए पूजा भी ढ़ंग से नहीं कर पाते हैं.
मुख्य तौर पर लक्ष्मी जी कमला रूप में हैं जो 10 मां विद्याओं में से एक हैं. दुर्गा की 10 मां विद्याएं हैं जिनमें से एक लक्ष्मी हैं इनके स्वभाव के विपरीत इनकी एक बहन हैं जिनका नाम है दरिद्रा.
लक्ष्मी और दरिद्रा दोनों कभी एक जगह पर नहीं हो सकती हैं, दोनों हमेशा विपरीत ही पाई जाती हैं. जहां लक्ष्मी नहीं होंगी वहां गरीबी और दरिद्रता होगी.
लक्ष्मी पाने के उपाय
इस धनतेरस और दीपावली हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जिनकी वजह से आपकी बरकत हो सकती है.
पहला उपाय: सबसे पहला उपाय है स्वच्छता या सफाई, जिस घर में स्वच्छता रहती है लक्ष्मी वहां स्वत: ही निवास करती हैं.
दूसरा उपाय: सुबह शाम घर में सुंगध हो इसके लिए कुछ सुगंधित चीज जलाए रखें.
तीसरा उपाय: लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए तीसरा उपाय है, शांति रखें और घर में प्रेम बनाएं.
चौथा उपाय: लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए चौथा उपाय यह है कि धनतेरस के सूर्योदय से लेकर भाई दूज की रात तक रोजाना 11 मालाएं ‘ओम लक्ष्मये नम:’ की जाप करें. जाप की माला कमलगट्टे की होनी चाहिए और जप करते समय कोई और कार्य ना करें.
पांचवां उपाय: पांचवां और आखिरी उपाय है हर बार अष्टमी के दिन घर पर 8 साल से कम की कन्या को भोजन कराएं और कन्या को उपहार भी दें.
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