Explained: बच्चों के लिए बड़ा खतरा है ऑनलाइन गेमिंग, माता-पिता का बैंक बैलेंस हो रहा खाली, इससे कैसे बचें?
बच्चे मोबाइल पर या तो गेम्स खेलने में दिलचस्पी रखते हैं या यू ट्यूब देखने में. ऐसे में आज हम बता रहे हैं कि ऑनलाइन गेमिंग बच्चों और माता पिता के लिए कैसे खतरा बन गई है. इससे कैसे बचा जा सकता है?
Online Gaming: बदलती और स्मार्ट होती दुनिया के साथ साथ अब बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग के लिए दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. लेकिन ऑनलाइन गेमिंग की ये लत अब कितनी खतरनाक होती जा रही है, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. महामारी के इस दौर में अब अनलॉइन पढ़ाई और वर्क फ्रॉम होम का चलन काफी बढ़ गया है. ऐसे में बच्चों के हाथ माता पिता के गैजेट्स लग जाना बेहद आसान है. बच्चे मोबाइल पर या तो वीडियो गेम्स खेलने में दिलचस्पी रखते हैं या यू ट्यूब देखने में. ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि ऑनलाइन गेमिंग बच्चों और माता पिता के लिए कैसे खतरा बन गई है.
पहला खतरा- बैंक बैलेंस पर डाका
झांसी-
यूपी के झांसी में एक महिला को दो महीनों में सात लाख रुपए गंवाने पड़े. यह रकम उनके खाते से कटी. इसके बाद साइबर सेल की जांच में पता चला कि महिला के 12 साल के बच्चे ने गेम को अपडेट करने के चक्कर में गेम में इस्तेमाल होने वाले हथियारों को खरीद लिया.
झांसी-
यूपी में झांसी के ललितपुर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक ठेकेदार के बेटे को ऑनलाइन गेम का ऐसा चस्का लगा कि उसने स्टेज पार करते-करते गेम में उपयोग किए जाने वाले हथियार और 5-जी मोबाइल खरीदे डाले. इस दौरान उसने पिता के खाते से करीब करीब डेढ़ लाख रुपए उड़ा दिए.
कांकेर-
छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक महिला को तीन महीने में 3.22 लाख रुपए गंवाने पड़े. यह रकम उनके खाते से कटी. एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच में पता चला कि महिला के बच्चे ने गेम के लेवल को अपग्रेड करने के चक्कर में पैसे गवां दिए.
देहरादून-
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में 13 साल के बच्चे ने अपने पिता के खाते से सात लाख रुपए उड़ा दिए. बच्चे ने डेविड कार्ड के माध्यम से शॉपिंग एप से कुछ गिफ्ट बाउचर गूगल प्ले के लिए खरीदे थे. इस तरह उसने तीन-चार महीनों में सात लाख रुपए के गिफ्ट बाउचर खरीद डाले.
दूसरा खतरा- मानसिक बीमारी
ऑनलाइन गेमिंग का दूसरा और सबसे बड़ा खतरा है कि बच्चे मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं. इससे बच्चों की मानसिक परेशानी में दो गुना की बढोतरी हो रही है. लगातार गेम खेलने से बच्चों में सिरदर्द, बदन दर्द और आंखों में परेशानी की शिकायतें आ रही हैं. बड़ी बात यह है कि तीन से चार साल के उम्र के बच्चे भी गेमिंग का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं गेमिंग के लिए डिवाइस न मिलने पर अब बच्चे हिंसा पर भी उतर आए हैं.
बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से बचाने के टिप्स?
दरअसल कभी कभी अभिभावक अपने जरूरी काम में व्यस्त रहते हैं. बच्चें उन्हें बार बार परेशान न करें, इसलिए वह उन्हें अपना मोबाइल देकर उसके बिजी कर देते हैं. यहीं से बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग और ऑनलाइन वीडियोज देखने की लत लगना शुरू हो जाती है. ऐसे में जानिए ऑनलाइन गेमिंग से बचने के टिप्स क्या हैं.
- बच्चों के सामने मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल न करें.
- बच्चों को खेल खिलोने दें, इससे उनके फिजिकल स्ट्रैंथ बढ़ेगी और मोबाइल में गेम खेलने की आदत छूटेगी.
- बच्चों को अकेला न छोड़े, उन्हें वक्त दें और उनसे बातें करें.
- बच्चे की दिलचस्पी जानने की कोशिश करें, फिर उसी हिसाब से उनको चीजें उपलब्ध कराएं.
- बच्चों को बुक्स पढ़ना और आउटडोर खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.
- खाली समय में बच्चों को ड्राइंग सिखाएं और डांस सिखाएं.
अगर बच्चों को मोबाइल चलाने की आदत है तो-
- अपने मोबाइल का पासवर्ड बदलते रहें.
- बच्चा जिद करता है तो उसे बाकी चीजों में बिज़ी रखें.
- प्ले स्टोर जैसी एप से अपने बैंक अकाउंट को अनलिंक कर दें.
- वक्त वक्त पर उनका मोबाइल चेक करते रहें.
- बच्चे कौनसी एप इस्तेमाल कर रहे हैं, इसका भी ध्यान रखें.