सीएम ममता बनर्जी नंदीग्राम में कैसे हुईं घायल? जानें- सुरक्षा में लगी एजेंसी ने क्या कहा
पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा- ‘‘मैं अपनी कार के बाहर खड़ी थी जिसका दरवाजा खुला था. मैं वहां मंदिर में प्रार्थना करने जा रही थी. कुछ लोग मेरी कार के पास आए और दरवाजे को धक्का दिया.” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चोट लगने की वजह से उनके पैर में सूजन आ गयी और उन्हें बुखार जैसा लग रहा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार की शाम को आरोप लगाया कि जिस वक्त वह चुनाव प्रचार के दौरान नंदीग्राम में थीं उस समय धक्का-मुक्की दिए जाने की वजह से उन्हें चोट लग गई. ममता बनर्जी ने कहा कि घटना उस वक्त घटी जब वह रियापारा इलाके में एक मंदिर के बाहर खड़ी थीं. ममता बनर्जी के इन आरोपों को बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने ड्रामेबाजी करार दिया. बीजेपी ने इस घटना को लेकर सीबीआई जांच की मांग तक कर डाली. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या है सीएम की सुरक्षा को लेकर स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल और सीएम ममता का क्या है आरोप?
ममता ने बताया साजिश
पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा- ‘‘मैं अपनी कार के बाहर खड़ी थी जिसका दरवाजा खुला था. मैं वहां मंदिर में प्रार्थना करने जा रही थी. कुछ लोग मेरी कार के पास आए और दरवाजे को धक्का दिया. कार का दरवाजा मेरे पैर में लग गया.” मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चोट लगने की वजह से उनके पैर में सूजन आ गयी और उन्हें बुखार जैसा लग रहा है.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि घटना के समय मौके पर कोई स्थानीय पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था. नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहीं बनर्जी ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे साजिश है. इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गये हैं क्योंकि मुख्यमंत्री को जेड-प्लस की सुरक्षा प्राप्त है.
बेहद कड़ा है ममता बनर्जी का सुरक्षा घेरा
सुरक्षा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हर वक्त सीएम सिक्योरिटी विंग और स्पेशल ब्रांच सिक्योरिटी पर्सनल होते हैं. उनके सभी दौरे से पहले ही स्पेशल ब्रांच की तैनाती वहां पर कर दी जाती है. इसलिए ऐसा संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति उनके पास आए और फिर उनके ऊपर हमला कर दे. उनके पास एसपीजी नहीं है बल्कि सीएम सिक्योरिटी और स्पेशल ब्रांच सिक्योरिटी है.
सीएम के घायल होने पर क्या है प्रोटोकॉल
स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल के मुताबिक, हमेशा एक सेफ हाउस और आकस्मिक हॉस्पीटल साथ रहता है. हमले की सूरत में फौरन उन्हें सेफ हाउस ले जाया जाता है और उसके बाद आकस्मिक हॉस्पीटल जो एंबुलेंस में भी हो सकता है.
दुर्घटना में घायल होने की सूरत में एंबुलेंस के अलावा किसी और गाड़ी में लेकर नहीं ले जाया जा सकता है. इस एबुलेंस में एएलएस (एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट) के साथ सभी आपातकालीन सुविधाएं रहती हैं. ममता बनर्जी ने छाती में दर्द की शिकायत की थी. सीने में दर्ज अत्यंत आकस्मिक घटना है. एसओपी के मुताबिक, ऐसे समय में उन्हें फौरन पास के आकस्मिक अस्पताल में ले जाया जाएगा.