West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने सुमित शॉ नाम के एक शख्स को बिहार के मुंगेर से गिरफ्तार किया है. इस शख्स को जुलूस में हथियार लहराते हुए देखा गया था. पुलिस के मुताबिक, 19 साल का सुमित हावड़ा के सलकिया का रहने वाला है और घटना के बाद से फरार चल रहा था.


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हावड़ा पुलिस कमिश्नर प्रवीण त्रिपाठी ने बताया, “राज कुमार शॉ के बेटे सुमित शॉ को बीती रात मुंगेर से गिरफ्तार किया गया है. वो शिबपुर में विश्व हिंदू परिषद की रैली का हिस्सा था.” इस गिरफ्तारी को लेकर सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने कहा है कि सुमित शॉ की गिरफ्तारी से बीजेपी और वीएचपी का पर्दाफाश हो गया है. टीएमसी प्रवक्ता कृष्णु मित्रा ने कहा, “बीजेपी और वीएचपी कल तक ये दावा कर रहे थे कि जुलूस का वीडियो उनका नहीं है.”


हिंसा पर राजनीति


इस मामले को लेकर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, “जिस व्यक्ति को हथियार के साथ देखा गया था और जिसके बारे में बीजेपी लगातार इनकार कर रही थी, उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे ये स्पष्ट हो गया है कि राज्य में गड़बड़ी करने के इरादे से बीजेपी बिहार से गुंडों को बंगाल में लेकर आ रही है.” वहीं बीजेपी ने टीएमसी पर बदनाम करने का आरोप लगाया है.


क्या कहना है बीजेपी का?


बीजेपी नेता सजल घोष का कहना है, “उनकी राजनीतिक संबंद्धता की पुष्टि कौन कर सकता है? संभावना तो ये भी बनती है कि टीएमसी ने बीजेपी को बदनाम करने के लिए इसे प्लांट किया हो. अगर पुलिस इतनी सक्षम है कि उसने मुंगेर से इस व्यक्ति की पहचान करके उसे गिरफ्तार कर लिया है तो उसे रैली में हिस्सा लेने से रोकने में विफल क्यों रही? ये टीएमसी की ओर से नियोजित हिंसा है.”


क्या है मामला?


टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 31 मार्च को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें हावड़ा में वीएचपी की रामनवमी शोभा यात्रा में कथित रूप से एक व्यक्ति को देसी बंदूक लहराते हुए दिखाया गया था. ट्वीट में, बनर्जी ने आरोप लगाया था कि समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने के लिए ये बीजेपी का “दंगाबाजी फॉर्मूला” था. वीडियो को टीएमसी के अन्य सांसदों ने भी शेयर किया था.  


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