नई दिल्ली: कोरोना के चलते बाधित शिक्षण व्यवस्था के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5) के छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए एनसीईआरटी द्वारा बनाया गया आठ हफ्ते का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया. इसके पहले मंत्री ने पहले चार हफ्ते के लिए एक वैकल्पिक कैलेंडर अप्रैल में जारी किया था.
इस वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर में नई तकनीकों एवं सोशल मीडिया को तरजीह दी गई है. जिससे कि बच्चे घर पर इन तकनीकों के प्रयोग से आनंदपूर्वक और रुचिपूर्ण ढंग से शिक्षा ग्रहण कर अपनी पढाई अनवरत जारी रख सकें.
इस मौके पर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों को लगातार जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही इस आठ सप्ताह के कैलेंडर में यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि छात्रों को कम से कम समय कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताना पड़े.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस कैलेंडर के द्वारा सभी छात्र, जिनके पास इंटरनेट सुविधा है वे भी और जिनके पास नहीं है वे भी, शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. इस वैकल्पिक कैलेंडर में अध्यापकों के लिए ये दिशानिर्देश भी हैं कि वो स्टूडेंट्स को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फ़ोन पर कॉल कर के उनका मार्गदर्शन करें. इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में अध्यापक, पैरेंट्स और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढाई जारी रख सकते हैं.”
इस कैलेंडर में दिव्यांग बच्चों की जरुरतों का भी ध्यान रखा गया है. ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों, आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा. इस कैलेंडर को सप्ताहवार दिया गया है और इसमें पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक के अध्याय या विषय से संबंधित रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियाँ सम्मिलित हैं.
इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है. इसके द्वारा पैरेंट्स और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाये रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीज़ें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे.
यह स्टूडेंट्स, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल के प्रिंसिपल को सशक्त करेगा, ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकारात्मक तरीकों से कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में और बच्चों को घर पर ही उत्तम शिक्षा उपलब्ध करवाने में मदद करेगा.
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