नई दिल्ली: प्रतिभा पलायन यानी ‘ब्रेन ड्रेन’ रोकने के मकसद से शुरू की गई प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप को और समावेशी बनाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इसके दिशानिर्देशों में संशोधन किया है. अब इसके तहत आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईएसई, आईआईएसईआर, आईआईईएसटी के अलावा भारत में मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय के साइंस एंड टेक्नोलॉजी फैक्लटी के एमटेक और पीएचडी करने वाले छात्र भी आवेदन कर सकेंगे.


मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय को प्राप्त सुझावों और योजना को अधिक समावेशी बनाने के लिए उपयुक्त प्राधिकार की मंजूरी से योजना को लागू करने के दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है . ‘संशोधित दिशानिर्देश मई 2019 से लागू होंगे .’ इस विषय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, एआईसीटीई के अध्यक्ष, यूजीसी के अध्यक्ष, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 11 सितंबर 2018 को पत्र लिखा गया है.


प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना का प्रस्ताव इस साल के बजट में किया गया था. इसके मूल दिशानिर्देशों के अनुसार, आईआईएसई, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर और आईआईईएसटी से बीटेक ग्रजुएशन में पांच साल का कोर्स पास कर चुके छात्र या बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र, एमटेक इंटिग्रेटेड या इंटिग्रेटेड एमएससी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी फैकल्टी के एलिजिबल कैंडिडेट्स आवेदन कर सकते थे.


दूसरे संस्थानों के एलिजिबल स्टूडेंट्स भी कर सकेंगे आवेदन


संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक, अब भारत में मान्यता प्राप्त दूसरे संस्थानों या विश्वविद्यालयों के एलिजिबल स्टूडेंट्स भी आवेदन कर सकेंगे. इसमें बीटेक ग्रेजुएशन पांच साल के कोर्स पास: या बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र, पंचवर्षीय एमटेक इंटिग्रेटेड या साइंस एंड टेक्नोलॉजी फैकल्टी से साल के इंटिग्रेटेड एमएससी या दो साल के एमएससी के एलिजिबल आवेदन कर सकेंगे . इन उम्मीदवारों के लिये कम से कम 8 सीजीपीए या गेट परीक्षा के विषय में 750 अंक जरूरी होंगे.


संशोधित मानदंडों के अनुसार, अब प्रत्येक विषय के लिये शीर्ष संस्थान के रूप में ‘हिस्सा लेने वाले संस्थान’ की जगह ‘एक मेजबान संस्थान’ जोड़ा गया है. इसमें कहा गया है कि सभी आईआईटी, आईआईएसईआर और आईआईएससी मेजबान संस्थान होंगे जहां प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप प्राप्त करने वाले शोध या अध्ययन करेंगे. इसमें कहा गया है कि प्रत्येक फेलो को पड़ोस के आईटीआई या पोलिटेक्निक या इंजीनियरिंग कालेज में सप्ताह में एक बार पढ़ाना होगा जो सरकार द्वारा तय रूपरेखा के मुताबिक होगा.


चयन प्रक्रिया में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर लिखित परीक्षा या चर्चा करायी जा सकती है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय समन्वय समिति योजना को लागू करने की टॉप बॉडी होगी और इसका गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा. लिखित परीक्षा लेने या चर्चा कराने के विषय पर निर्णय राष्ट्रीय समन्वय समिति करेगी.


70,000 रूपये प्रति माह मिलेगी फेलोशिप


प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना के तहत एलिजिबिलिटी कैरेटेरिया पूरा करने वाले छात्रों को पहले 2 साल के लिए 70,000 रूपये प्रति माह, तीसरे साल के लिए 75,000 रूपये प्रति माह और चौथे और 5वें साल में 80,000 रूपये प्रति माह की फेलोशिप दी जाएगी. इसके अलावा प्रत्‍येक कैंडिडेट को अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलनों और सेमिनारों में रिसर्च पेपर प्रजेंट करने के लिए उनकी विदेश यात्रा से संबंधित खर्च को पूरा करने के लिए 5 साल के दौरान 2 लाख रूपये का रिसर्च फंड भी दिया जाएगा.