(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन ने तोड़ी आतंकियों की कमर, जानें क्या कहते हैं आंकड़ें?
आतंक विरोधी ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों को रिकॉर्ड कामयाबी मिली है. आंकड़ें इस बात की तरफ साफ तौर पर इशारा कर रहे हैं.
जम्मू: कश्मीर घाटी में जारी ऑपरेशन ऑलआउट का इस साल भी व्यापक असर देखने को मिला है. सुरक्षाबलों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक न केवल घाटी में आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या में गिरावट आई है बल्कि पिछले सालों के मुक़ाबले इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्या में आतंकियों का सफाया भी किया है.
साल 2020 में जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी ऑपरेशन्स में सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को रिकॉर्ड कामयाबी मिली है. सुरक्षाबलों की इस कामयाबी का नतीजा है कि पाकिस्तान बौखला गया है जिसके बाद उसने इस साल सीमा पर रिकॉर्ड संख्या में युद्धविराम का उल्लंघन किया है.
इसके साथ ही पाकिस्तान ने इस गोलीबारी की आड़ में अपने लॉन्चिंग पैड्स पर बैठे आतंकियों को घुसपैठ करवाने की भी कोशिशें की है. सुरक्षाबलों के हवाले से जो आंकड़े एबीपी न्यूज़ के पास आये हैं वो अपने आप में काफी अहम है.
क्या कहते हैं आकड़ें?
2019 में सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में 120 स्थानीय आतंकियों को पकड़ा या मार गिराया था जबकि इस साल अक्टूबर तक यह आंकड़ा 93 है.
जम्मू कश्मीर में 2020 में 2 अक्टूबर तक 182 आतंकियों का खात्मा हो चुका है जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 152 का था.
2020 में जम्मू कश्मीर में 2 अक्टूबर तक 41 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ा है जबकि साल 2019 में 43 आतंकियों को ज़िंदा पकड़ा गया था.
कश्मीर घाटी में 2020 में करीब 223 आतंकी सक्रिय है जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 352 रहा.
जम्मू में 2020 में 69 आतंकी सक्रिय है जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 70 था.
2019 में 3 आतंकियों ने सरेंडर किया था तो वहीं 2020 में अक्टूबर के पहले हफ्ते तक 3 आतंकियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है.
जम्मू कश्मीर में 2020 में पत्थरबाजी में हुई भारी गिरावट देखी गयी है. 2019 में 922 प्रदर्शन और पत्थरबाज़ी की घटनाएं दर्ज की गयीं जबकि इस साल के पहले 10 महीनो में यह संख्या 202 रही.
इस बीच आतंकी घुसपैठ की कोशिश भी लगातार कर रहे हैं. भारतीय सेना पाकिस्तान की हर एक नापाक साजिश को लाइन ऑफ कंट्रोल पर नाकाम कर रही है. कश्मीर घाटी में इस साल अब तक चार बार घुसपैठ की कोशिशें हुईं जिनमें से तीन बार आतंकियों को मार गिराया गया और एक बार घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया. साल 2019 में पाकिस्तान ने 10 ऐसी कोशिशें कीं जिन्हें नाकाम किया गया.
जम्मू में इस साल आतंकियों ने 5 बार घुसपैठ की कोशिश की जिनमें से दो बार आतंकियों को मार गिराया गया और तीन बार कोशिश नाकाम की गयी.
वहीं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड में आतंकियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कश्मीर घाटी में पाकिस्तान से सटी सीमा पर साल 2020 में 314 से 350 आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार थे, जबकि यह आंकड़ा 2019 में भी करीब करीब इतना ही था.
जम्मू में सटी पाकिस्तानी सीमा में इस साल अब तक विभिन्न आतंकी लॉन्चिंग पैड्स में करीब 257 आतंकी घुसपैठ के लिए बैठे है जबकि यह आंकड़ा 2019 में 206 था. इस साल में अब तक तकरीबन 108 आतंकियों के मददगारों (OGW) को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है.
2020 में जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने 11 बार आईईडी हमलों की साजिश को नाकाम किया जबकि 1 बार आतंकी विस्फोट करने में कामयाब हो गए. जबकि साल 2019 में 21 बार सुरक्षाबलों ने आईईडी के हमले नाकाम किया जबकि 15 बार आतंकियों ने इन हमलों को अंजाम दिया.
इस साल अब तक करीब 3600 बार पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के एलओसी पर गोलीबारी कर चुका है. अक्टूबर के पहले हफ्ते के आंकड़ों के मुताबिक़, पाकिस्तान की तरफ से 3589 बार सीजफायर उल्लंघन किया जा चुका है.
सुरक्षाबलों का दावा है कि वो पाकिस्तान की तरफ हो रही हर गतिविधि पर नज़र रखे हुए है. पाकिस्तान के किसी भी नापाक मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया जाएगा.
जम्मू: फारूक अब्दुल्ला के चीन वाले बयान पर बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन, पुतला भी फूंका