Hugli Frog Wedding: देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में दिन पर दिन गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राज्यथान समेत कई राज्य हीट वेव की चपेट में रहेंगे. ऐसे में देश में बारिश हो जाए इसलिए तरह-तरह के टोटके देखने को मिलते हैं. हुगली जिले में इमद्रदेव को खुश करने के लिए मेढक और मेढकी की शादी कराने की परम्परा है. तो इस बार भी गर्मी से निजात पाने के लिए आरामबाग नगर में पालिका के तीन नंबर वार्ड के काली नंदिर में बड़े धूमधाम से मेढ़क-मेढ़की की शादी कराई गई.


शादी पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ तमाम रस्मों रिवाजो से संपन्न हुई, इस शादी में शहनाई और बैंड बाजे भी बजाए गए. मेहमानों को बुलाया गया था और उन्हें तरह-तरह के व्यंजन भी परोसे गए, शादी की पूरी तैयारी आरामबाग नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन स्वपन नंदी ने द्वारा किया गया था. तृणमबल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप सिंह राय सहित अन्य लोग शामिल हुए. 


इस तरह होती है शादी


नंदी का कहना है कि मेढ़क-मेढ़की की शादी में ज्यादा अंतर नहीं होता है, मेढ़क-मेढ़की को नहलाने के बाद उन्हें दूल्हे-दुल्हन के कपड़े पहनाए जाते हैं. इसके बाद पूरे विधि-विधान से जयमाला के सात मंत्रोच्चार के पुरोहित ने शादी करवाई है. शादी की रस्म पूरी हो जाने पर मेढ़क-मेढ़की को पोखर में छोड़ दिया गया.


क्यों होती है ये शादी


प्रचीन आस्था और विश्वास की वजह से मेढ़क-मेढ़की की शादी कराई जाती है, ऐसा माना जाता है कि शादी से मौसम का तालुक होता है. जब मेढ़क बाहर निकल कर टर्राकर बुलाता है और उनके मिलन के लिए शादी करई जाती है और जब वो दोनो मिलन के लिए तैयार हो जाते हैं तो बारिश आ जाती है.