Human Development Index: मानव विकास सूचकांक में ऐसा क्या हुआ बदलाव, जो यूएन ने की भारत की तारीफ?
Human Development Index: भारत ने मानव विकास सूचकांक (HDI) में लगातार दो सालों तक गिरावट दर्ज की. इसके बाद अब भारत ने रैंकिंग में बड़ा सुधार हासिल किया है.
Human Development Index: भारत ने मानव विकास सूचकांक (HDI) में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. भारत ने 193 देशों की सूची में 134वें नंबर पर जगह बनाई है. भारत की स्थिति साल 2022 की रैंकिंग में पहले से बेहतर बनी है.
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2021 के सूचकांक की तुलना में एक पायदान पहुंचा है जिसमें कई स्तर पर बेहतर प्रदर्शन रिकॉर्ड किया गया है. यूएन की ओर से रिलीज "ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड" शीर्षक वाली मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट में यह सब प्रदर्शन साफ तौर पर दर्शाए गए हैं.
दो साल तक सूचकांक में लगातार दर्ज की गई थी गिरावट
यह लेटेस्ट रिपोर्ट 2021-2022 एचडीआर निष्कर्षों पर आधारित है. यह रिपोर्ट भारत के लिए इसलिए भी खास मानी जा रही है कि लगातार दो सालों तक गिरावट दर्ज करने के बाद अब रैंकिंग में सुधार रिकार्ड किया गया है. साल 2021 और 2022 में भारत के मानव विकास सूचकांक में एक-एक पायदान की गिरावट दर्ज की गई थी.
औसतन आयु में 34 सालों में 9.1 वर्ष की बढ़ोतरी रिकॉर्ड
रिपोर्ट के अनुसार पिछले कई सालों में भारत ने मानव विकास के स्तर पर बड़ी उल्लेखनीय प्रगति की है. साल 1990 के बाद बीते तकरीबन 34 सालों में आयु संभाविता भी बेहतर हुई है. 1990 में जन्म के समय औसतन जीवन संभावना करीब 58 साल थी जोकि अब 9.1 वर्ष बढ़ोतरी के साथ 67.7 साल रिकॉर्ड की गई है. स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 4.6 साल बढ़े हैं. स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 3.8 साल बढ़े हैं. भारत की प्रति व्यक्ति आय (सकल राष्ट्रीय आय या जीएनआई) में करीब 287 फीसदी की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है.
लैंगिक असमानता को कम करने में मिली बड़ी सफलता
यूएन की ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर दर्ज की गई है. इंडियन करेंसी में यह राशि करीब 5.75 लाख रुपये होती है. भारत ने लैंगिक असमानता को कम करने में भी बड़ी सफलता हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत का GII मान 0.437 है. इसको वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर बताया गया है. इसके अलावा रिपोर्ट में मानव जीवन के विकास से जुड़े दूसरे अलग-अलग पहलुओं पर भी गहन अध्ययन कर उनको भी इंडेक्स में शामिल कर सिलसिलेवार तरीके से जिक्र किया है.