Human Rights Watch Report: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने बुधवार (14 अगस्त) को एक रिपोर्ट पब्लिश की है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान अपनी रैलियों में दिए 110 भाषणों में इस्लामोफोबिक टिप्पणियां कीं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने 16 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पीएम मोदी के जरिए दिए गए 173 भाषणों का विश्लेषण किया है.


ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है, "मोदी ने कम से कम 110 भाषणों में मुस्लिमों के प्रति पूर्वाग्रह और नफरत भरी टिप्पणियां कीं. ऐसा लगता है कि इनका मकसद राजनीतिक विपक्ष को कमजोर करना और गलत जानकारी के आधार पर बहुसंख्यक हिंदू समुदाय में डर पैदा करना था. उन्होंने विपक्ष को सिर्फ मुस्लिम अधिकारों को बढ़ावा देने वाला बताया." इसमें बीजेपी नेताओं के जरिए दिए गए भड़काऊ बयानों को लेकर भी बात की गई है. 


तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए दिए गए उकसाने वाले बयान: एचआरडब्ल्यू


रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "मोदी के 2024 के चुनावी अभियान में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अक्सर नफरत भरे भाषण का इस्तेमाल किया गया. मोदी की हिंदू बहुसंख्यकवादी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने लगातार तीसरे कार्यकाल में जीत हासिल करने के लिए (मोदी के) अभियान के दौरान हाशिए पर रहने वाले समूहों के खिलाफ भेदभाव, शत्रुता और हिंसा को उकसाने वाले बयान बार-बार दिए."


झूठे दावों से मोदी ने हिंदुओं के बीच पैदा किया डर: एचआरडब्ल्यू


एचआरडब्ल्यू ने बताया कि पीएम मोदी भले ही मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह रखने से इनकार करते रहे हैं. मगर उन्होंने अपने लगातार झूठे दावों के जरिए हिंदुओं के बीच डर पैदा किया कि अगर चुनाव में इंडिया गठबंधन को जीत मिलती है तो उनके मंदिरों, संपत्ति, जमीन और लड़कियों-महिलाओं की सुरक्षा मुस्लिम समुदाय के चलते खतरे में पड़ जाएगी. रिपोर्ट में 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी के उस भाषण का जिक्र भी है, जहां उन्होंने मुस्लिमों को घुसपैठियां कह दिया था.


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