भोपाल: कलियुग में जब अपने पराये बन रहे हैं, तो वहीं आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जो पराये को अपना बना रहे हैं. उन्हें अनाथ होने के एहसास से बचा रहे हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के नीमच शहर की. जहां एक विदेशी जोड़े ने मानवता की शानदार मिसाल पेश की है.


माल्टा से पहुंचे जोड़े ने अनाथ आश्रम से बच्चे को गोद लेकर सबको चकित कर दिया है. ये विदेशी जोड़ा माल्टा का रहनेवाला है. इनकी शादी को 14 साल हो गये थे. इसके बावजूद इनकी कोई संतान नहीं हुई. इसी चिंता में नि:संतान दंपति का समय बीत रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कुदरत ने उनके आंगन को किलकारी से हमेशा के लिए महरूम कर दिया है. अपनी चिंताओं के बीच जब उन्हें यूरोप की एजेंसी के जरिए नीमच के अनाथ आश्रम का पता चला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्हें अब यकीन हो चला कि जल्द ही कुदरत ने उनके लिए जिंदगी में मुस्कुराने की वजह पैदा कर दी है. बिना समय गंवाए विदेशी दंपत्ति नीमच पहुंच गया. और बच्चे को गोद लेने की सारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर उसे अपनी संतान बना लिया. अनाथ आश्रम के कर्मचारी ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि बिन मां बाप के बच्चे को माता पिता का साया मिल गया है. अब उसके भाग्य में सुख-सुविधाओं की बहार आनेवाली है. अब वो अनाथ नहीं कहलाएगा.


जानिए विदेशी बनने जा रहे उस बच्चे के बारे में


डेढ़ साल पहले नीमच शहर में निर्दीय माता-पिता ने नवजात बच्चे को सड़क पर छोड़ दिया था. सड़क पर बच्चे की रोने की आवाज से लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को अनाथ आश्रम पहुंचाया. और तभी से इस अनाथ बच्चे का लालन पोषण आश्रम में हो रहा था. लेकिन अब उसको माता पिता का साया मिल गया है. दूसरे देश से आए परिवार ने अपनी संतान बनाकर मानवीय संवेदना की बेहतरीन मिसाल पेश की है.