एमपी में मानवता शर्मसार! एंबुलेंस न मिलने पर कहीं बाइक की डिग्गी में तो कहीं कंधे पर लेकर गए शव
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खुलते दिखी है. एंबुलेंस ना मिलने पर एक शख्स बच्चे के शव को कंधे पर घर ले जाते दिखा तो एक परिवार...
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे कितने झूठे हैं इसकी हकीकत पिछले दो दिनों में सामने आ गई है. छतरपुर जिले एक परिवार को 4 साल के बच्चे के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो कंधे पर लादकर उसे घर ले जाने को परिजन मजबूर हो गए. वहीं, इस घटना से पहले एक नवजात शिशु के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो उसे पॉलिथीन में डाल बाइक की डिग्गी में डाल परिवार ले गया.
दोनों घटनाएं छत्तरपुर जिले की है. बुधवार (19 अक्टूबर 2022) को एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक शख्स कंधे पर बच्चे के शव को रखकर अस्पताल से पैदल ले जाते दिखा. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शव को कंंधे पर लादकर पैदल चलने वाला शख्स मृतक का मामा है. बच्ची का नाम प्रीती है जो 4 साल की थी और खेलते-खेलते नदी की मिट्टी में दबने से घायल हो गई.
2 घंटे तक एंबुलेंस के लिए भटका परिवार
प्रीती का परिवार आनन-फानन में उसे बिजाबर स्वास्थ्य केंद्र ले गया जहां उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहीं, इलाज के दौरान प्रीती की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रीती के पिता और मामा 2 घंटे तक एंबुलेंस से बच्ची के शव को घर ले जाने के लिए भटकते रहे लेकिन उन्हें एंबुलेंस सुविधा नहीं मिली. जिस कारण थक-हाकर मामा बच्ची के शव को कंधे पर रखकर पैदल घर ले गए.
बाइक की डिग्गी में नवजात शिशु के शव को रखा
दूसरी घटना भी छत्तरपुर जिले की है जहांं एक परिवार को नवजात शिशु के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा नहीं मिली. परिवार नवजात शिशु को एक पॉलिथीन में डालकर बाइक की डिग्गी में रखकर कलेक्ट्रेट के पास पहुंचा. कलेक्टर को परिवार ने आपबीती बताई जिसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए.
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