Mirwaiz Umar Farooq Sent Notice To Government: मीरवाइज उमर फारूक के वकील नजीर अहमद रोंगा ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बिना रोक-टोक आवाजाही के आश्वासन के बाद भी हुर्रियत नेता को आजादी से कहीं आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने मीरवाइज को आजादी से आने-जाने की इजाजत नहीं दी है.


इसके चलते उन्होंने तथ्यात्मक स्थिति जानने के लिए सरकार को कानूनी नोटिस भेजा है. इसमें उन्होंने अपनी रिहाई की मांग करते हुए सरकार को लीगल नोटिस भेजा है और सकारात्मक प्रतिक्रिया न देने पर अदालत में चुनौती देने की चेतावनी दी है. बता दें कि मीरवाइज को बीते 4 अगस्त को नजरबंद हुए 4 साल पूरे हो गए हैं. 


आवाजाही पर लगे बैन को हटाने की मांग
मीरवाइज के वकील नजीर अहमद रोंगा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा है, "इस कानूनी नोटिस के जरिए मेरे मुवक्किल मीरवाइज उमर फारूक के निगीन स्थित घर के बाहर सुरक्षा बलों की टुकड़ी की तैनाती करके उनकी आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का अनुरोध किया जाता है. मेरे मुवक्किल को अवैध और अनधिकृत हिरासत में रखा गया है. अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और स्वतंत्रता को कम कर दिया गया है."


धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की मांगी अनुमति
नोटिस में आगे कहा गया है, "इसके अलावा आपसे आग्रह किया जाता है कि आप मेरे मुवक्किल पर धार्मिक समारोहों/गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध न लगाएं और उन्हें अपने धर्म का प्रचार करने, सामूहिक कार्यक्रमों में भाग लेने और अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने से न रोकें, विशेष कर नौहट्टा की जामा मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ने से."


'जामा मस्जिद में नमाज अदा करने की इजाजत नहीं'
वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि मीरवाइज कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं और वह हिरासत में नहीं हैं, लेकिन 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से उन्हें श्रीनगर की जामा मस्जिद में नमाज का अदा करने की अनुमति नहीं दी गई है.


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