Hurriyat conference: केंद्र सरकार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर लगा सकती है बैन, सभी जांच एजेंसियों से मांगी रिपोर्ट
Hurriyat conference News: सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में MBBS में दाखिले के बदले दी जाने वाली रकम का इस्तेमाल आतंकवाद में किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद कड़े कदम उठाने का फैसला किया है.
Hurriyat conference News: कश्मीर के अलगाववादी संगठन कहे जाने वाले हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस को लेकर केंद्र सरकार ने सभी जांच एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है. इन एजेंसियों द्वारा दी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद केंद्र सरकार हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस पर बैन लगाने का फैसला ले सकती है. कश्मीर में भविष्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है.
केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में एमबीबीएस में दाखिले के बदले दी जाने वाली रकम का इस्तेमाल आतंकवाद में किए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार को अभी तक जो इस बाबत जानकारी मुहैया कराई गई है उसमें कहा गया है कि हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दलों के लोगों द्वारा आम लोगों को पाकिस्तान से एमबीबीएस कराए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है और इसके बदले बड़ी रकम वसूली जा रही है. यह भी बताया गया कि जांच के दौरान ऐसा मामला भी सामने आया है जिसमें इस रकम का इस्तेमाल आतंकवाद के कामों के लिए किया गया.
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों के पास इस बाबत पुख्ता सबूत भी हैं कि एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर पैसे लेने या फिर जो शख्स दाखिला ले रहा है उसके घर वालों या रिश्तेदारों के जरिए आतंक के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. जांच एजेंसियों को इस बाबत भी पुख्ता सबूत मिले हैं कि जिन लोगों से एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर पैसे लिए गए उन पैसों का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया .केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने इस मामले में बाकायदा कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है. एनआईए ने ऐसे ही एक मामले की जांच साल 2016-17 में भी की थी, जिसमें पाकिस्तान में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के लिए जम्मू कश्मीर के अलगाववादी संगठनों द्वारा पाकिस्तान की दिल्ली स्थित एंबेसी के लोगों से संपर्क किया गया था और दाखिला दिलाने के लिए सिफारसी पत्र भी लिखे गए थे. एनआईए को उस समय मारे गए छापों के दौरान ऐसे तमाम दस्तावेज भी मिले थे.
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से ले रही है. यही कारण है कि इस मामले में हुरिर्यत कॉन्फ्रेंस को लेकर आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी और सीबीआई समेत आईबी से भी रिपोर्ट मांगी गई है. माना जा रहा है कि इन एजेंसियों द्वारा दी गई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद केंद्र सरकार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर बैन लगाने का फैसला ले सकती है. यदि केंद्र सरकार हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों पर बैन लगा देती है तो जम्मू कश्मीर में भविष्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार का यह एक बड़ा कदम माना जाएगा. मामले से जुड़े एक आला अधिकारी ने कहा के इस बाबत विभिन्न विभागों से आई हुई रिपोर्टों की समीक्षा के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा.
अफगानिस्तान में यूक्रेन का एक विमान हाइजैक, रेस्क्यू करने आए विमान को ईरान ले जाने का दावा