हैदराबाद: हैदराबाद के एक स्कूल से बर्बर घटना सामने आई है. दरअसल स्कूल की ड्रेस पहनकर नहीं आने पर पांचवीं कक्षा की 11 साल की एक छात्रा को सजा के तौर पर लड़कों के टॉयलेट में खड़े होने के लिए मजबूर किया गया. लड़की के पिता ने यह आरोप लगाया है.


घटना को लेकर अभिभावक और स्थानीय लोगों में रोष


सोमवार को इस घटना का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय लोग आरसी पुरम क्षेत्र में स्थित स्कूल में इकट्ठा हो गए. तेलंगाना के आईटी मंत्री के टी रामा राव ने इस घटना की निंदा की और कहा कि वह उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के श्रीहरि से इस विषय पर बात करेंगे. राज्य सरकार ने सोमवार को इस मामले की जांच के आदेश दिए और जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले में रिपोर्ट जमा करने को कहा है.


पिता ने कहा- मेरी बच्ची को पांच मिनट तक लड़कों के टॉयलेट में खड़े रहने को कहा 


लड़की के पिता के अनुसार स्कूल की एक पीटीई (शारीरिक प्रशिक्षण शिक्षा) शिक्षिका ने उनकी बेटी से शनिवार को ड्रेस पहनकर नहीं आने का कारण पूछा. पिता ने कहा, ‘‘शिक्षिका ने मेरी बच्ची की बात सुनने की कोशिश भी नहीं की कि हमने पहले ही उसकी डायरी में लिखकर अनुरोध किया था कि उसे एक दिन स्कूल की ड्रेस पहने बिना स्कूल आने की अनुमति दी जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीचर मेरी बच्ची को जबरन खींचा और ड्रेस नहीं पहन कर आने की सजा के तौर पर उसे पांच मिनट तक लड़कों के टॉयलेट में खड़े रहने को कहा.’’


'इस घटना का मेरी बच्ची पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है'


बच्ची के पिता ने कहा, ‘‘इस घटना का मेरी बच्ची पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है और उसकी गरिमा को ठेस पहुंची है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बच्ची अब अपने साथ पढ़ने वाले बच्चों के सामने जाने को भी तैयार नहीं है क्योंकि उसे शर्मिंदगी महसूस हो रही है.’’ हालांकि शिक्षिका ने इन आरोपों का खंडन किया और मीडिया से सोमवार को कहा कि लड़की ने ड्रेस नहीं पहनी थी और उन्होंने उससे केवल इसकी वजह पूछी थी. शिक्षिका ने कहा कि छात्रा लड़कों के टॉयलेट के बाहर खड़ी थी और उसे अंदर खड़े होने को कभी नहीं कहा गया.


 


इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए के टी रामा राव ने ट्वीट किया, ‘‘घृणास्पद एवं बेहद अमानवीय. इस मामले को माननीय उप मुख्यमंत्री तक लेकर जाऊंगा ताकि वह स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकें.’’ लड़की के पिता ने रविवार को इस मामले में शहर के एक एनजीओ से संपर्क किया था.