Congress President Mallikarjun kharge: पिछले महीने कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी जिंदगी से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है. यह खुलासा बहुत कुछ बयां कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने एक कार्यक्रम में बताया, साल 1948 में हैदराबाद राज्य को स्वतंत्रता मिलने से पहले, व्यापक हिंसा हुई थी जिसमें उनका (खरगे का) भी का घर जल कर राख हो गया था.
खरगे ने घटना का जिक्र करते हुए बताया उनकी मां, उनकी बहन, भाई और अन्य रिश्तेदार को उनकी आंखों के सामने दंगाइयों ने जिंदा जला दिया था और वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए थे. वह घटना आज भी उनकी आंखों के सामने ऐसे ही याद है.
पिता के साथ जंगल में रहे
मल्लिकार्जुन खरगे के मौसेरे भाई कल्याणी कांबले ने कुछ समय पहले बताया था कि मल्लिकार्जुन खरगे कि जिंदगी काफी संघर्षों वाली है. जब दंगाइयों की वजह से उनकी मां की मौत हुई थी, तो उसके बाद वह पिता मपन्ना खरगे के साथ पैदल निम्बुर के लिए निकल गए. वहां वह कुछ दिन जंगल में रहे. इसके बाद उनके रिश्तेदार के यहां पहुंचे. इसके बाद काम के लिए गुलबर्गा चले गए. रिश्तेदार के यहां जाने से पहले दोनों एक जंगल में करीब तीन महीने तक रहे.
हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं खरगे
बता दें कि 80 साल के मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ समय पहले कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चार्ज लिया था. उन्होंने शशि थरूर को 6,825 वोट से हराकर यह कामयाबी हासिल की थी. वह 9 बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं. खरगे 1972 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे. तब से सिर्फ एक बार 2019 का लोकसभा चुनाव हारे. बताते हैं कि खरगे ने एक बार अपने दोस्त के लिए CM पद की दावेदारी छोड़ दी थी. जब खरगे कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो वह 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर के अध्यक्ष बनने वाले नेता बने.
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