BJP vs Congress: देश में हाल के वर्षों में कई स्थानों और संस्थानों के नाम बदलने की मांग उठती रही है. इसी संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर नेता शाहनवाज हुसैन ने हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नामकरण पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस हवाई अड्डे के निर्माण में अहम भूमिका निभाई उनके बजाय इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया, जबकि उनके योगदान का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है.
हुसैन ने कहा कि हैदराबाद एयरपोर्ट का निर्माण रक्षा मंत्रालय की जमीन पर किया गया था और इसे सफलतापूर्वक पूरा करने में तीन प्रमुख नेताओं – जॉर्ज फर्नांडिस, चंद्रबाबू नायडू और उन्होंने स्वयं (तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री) मिलकर अहम योगदान दिया था. उन्होंने दावा किया कि इस प्रोजेक्ट की योजना बनाने और इसे साकार करने में इन तीनों नेताओं ने काफी मेहनत की, लेकिन जब कांग्रेस सरकार को इसका नामकरण करने का अवसर मिला तो इन नेताओं का कहीं उल्लेख तक नहीं किया गया.
बिहार के लोगों का अहम योगदान
बीजेपी प्रवक्ता ने ये भी कहा कि इस एयर पोर्ट के निर्माण में बिहार के लोगों का भी बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने बताया कि इस परियोजना की बारीकी से निगरानी के लिए प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) में नियमित बैठकें आयोजित की जाती थी जहां नागरिक उड्डयन मंत्री, रक्षा मंत्री और आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री इस पर चर्चा करते थे. हुसैन ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई तो इस पूरे इतिहास को नजरअंदाज कर दिया गया और एयरपोर्ट का नाम राजीव गांधी पर रख दिया गया जो इस प्रोजेक्ट से सीधे तौर पर जुड़े ही नहीं थे.
यूपीए सरकार में हुआ था एयरपोर्ट का उद्घाटन
हुसैन ने आगे कहा कि हैदराबाद के शमशाबाद में बने इस एयरपोर्ट का उद्घाटन 2008 में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था. उस समय आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी. उन्होंने दोहराया कि ये एयरपोर्ट चंद्रबाबू नायडू, जॉर्ज फर्नांडिस और उनके प्रयासों का परिणाम था, लेकिन कांग्रेस ने इसे अपनी उपलब्धि के रूप में दिखाने की कोशिश की. उन्होंने ये भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इस प्रोजेक्ट में विशेष रुचि ली थी, लेकिन उनके योगदान को भी नजरअंदाज कर दिया गया.