हैदराबाद: ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं. इस चुनाव में 1122 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 150 पार्षद चुने जाने हैं. इस चुनाव को बीजेपी ने इस बार दिलचस्प बना दिया है. दरअसल, हैदराबाद को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माना जाता है और बीजेपी ओवैसी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है. जिसकी शुरुआत बीजेपी ने निकाय चुनाव में अपना आधार मजबूत करने से कर दी है. वोटिंग सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगी और नतीजों की घोषणा चार दिसंबर को होगी.
पिछली बार टीआरएस ने मारी थी बाजी
पिछली बार इस चुनाव में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी लंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने बाजी मारी थी. टीआरएस को 99 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के खाते में भी 44 सीटें गई थीं. लेकिन इस बार बीजेपी ने इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है.
बीजेपी को मिली थीं सिर्फ चार सीटें
उस चुनाव बीजेपी का प्रदर्शन यहां कुछ खास नहीं रहा. बीजेपी दहाई की गिनती में भी सीटें नहीं जीत पाई थी. बीजेपी को पिछले चुनाव में महज चार सीटें ही मिली थी. इसके बाद कांग्रेस को दो वार्ड और टीडीपी को एक वार्ड में जीत मिली थी.
पार्षदों की क्या ज़िम्मेदारी होती है?
बता दें कि किसी भी शहर में प्रशासन और आधारभूत ढांचे के निर्माण की ज़िम्मेदारी पार्षदों की होती है. इमारत और सड़क निर्माण, कूड़े का निपटारा, सरकारी स्कूल, स्ट्रीट लाइट, सड़कों का रखरखाव, शहर योजना, साफ-सफाई और स्वास्थ्य ऐसे मसले हैं जो नगर निगम संभालता है.
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