Hyderabad Cyber Crime: हाईकोर्ट के जज का फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल बनाकर भेजा मैसेज, लगाया 2 लाख रुपये का चूना
Cyber Crime: हैदराबाद में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने फ़र्ज़ी व्हाट्सएप मैसेज से सावधान रहने की अपील की है.
Cyber Crime Update: हैदराबाद की क्राइम टीम (Hyderabad Crime Team) इन दिनों फ्रॉड के नए तरीकों से परेशान है. कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां विदेश में बैठे साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminals) ने हैदराबाद के आम लोगों को लाखों का चूना लगाया है. एक ऐसे ही फ्रॉड के मामले में एक हाईकोर्ट (High Court) के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर साइबर अपराधियों ने तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) के एक कर्मचारी को लूट लिया. एक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल (Fake WhatsApp Profile) बनाकर इस अपराध को अंजाम दिया गया.
‘न्यायमूर्ति के फ़ोटो को लगाकर एक व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर कर्मचारी से व्हाट्सएप अकाउंट पर पैसे मांगे. पीड़ित तेलंगाना उच्च न्यायालय के अधिकारी द्वारा न्यायमूर्ति के फोटो वाले मैसेज को देखने के बाद उसने दो लाख रुपये का अमेज़न कूपन (Amazon Coupons) भेज दिया.’
साइबर अपराधियों ने ऐसे ठगे पैसे
हैदराबाद के साइबर क्राइम (Cyber Crime) के एसीपी केवीएम प्रसाद ने बताया कि न्यायमूर्ति का तबादला हाल ही में तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से एक प्रमुख उच्च न्यायालय में हुआ है. मैसेज पर कर्मचारी को विश्वास दिलाया गया कि, न्यायाधीश एक विशेष बैठक में है और उन्हें तुरंत पैसों की जरूरत है. अपराधियों ने जो की न्यायमूर्ति के फर्जी व्हाट्सएप से बात कर रहे थे, उन्होंने पीड़ित को बताया की उनके सारे कार्ड ब्लॉक हो गए हैं. उन्हें एक अमेज़न लिंक भेज 2 लाख के का चूना लगया गया’. पीड़ित ने साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
विदेशी गैंग ने की ठगी
प्रारम्भिक जांच में नाइजीरियन गैंग के इस मामले में शामिल होने का प्रमाण मिला है. मामला विदेश का है और पैसों की निकासी हो चुकी है, इसलिए साइबर क्राइम पुलिस अब लोगों को ऐसे फ़र्ज़ी व्हाट्सएप (WhatsApp) मैसेज से सावधान रहने की अपील कर रही है . साइबर क्राइम एसीपी प्रसाद ने बताया कि हाल ही में अमेजन गिफ्ट के नाम पर कई फ्रॉड किए जा रहे हैं.
नकली फिंगर प्रिंट बनाकर कर रहे फर्जीवाड़ा
एक अन्य चौंकाने वाले मामले में तेलंगाना पुलिस ने सिंथेटिक फ़िंगर प्रिंट के मामले का खुलासा किया है, जहां कुछ कोंट्रेक्ट कर्मी केमिकल के सहारे नक़ली फ़िंगर प्रिंट बनाकर सरकारी स्कीमों से पैसों की निकासी कर रहे थे. वो पैसे निकासी के लिए ज़रूरी बायोमेट्रिक वेरिफ़िकेशन के लिए सिंथेटिक फ़िंगर प्रिंट का इस्तेमाल कर रहे थे.
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