Hyderabad: अवैध नशीली दवाओं के मामले में नारकोटिक्स की बड़ी कार्रवाई, हैरादाबाद की एक कंपनी और निदेशक के ठिकाने पर मारा छापा
Narcotics: नशीली दवाओं को विदेश भेजने के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हैदराबाद में एक कंपनी और उसके निदेशक के ठिकानों पर छापेमारी की.
Narcotics: इंटरनेट फार्मेसी का प्रयोग कर अवैध तरीके से नशीली दवाओं को विदेश भेजने के मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हैदराबाद में एक कंपनी और उसके निदेशक के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान लगभग पौने 4 करोड़ रुपए की नगदी और डिजिटल उपकरण बरामद किए गए. अवैध फार्मेसी के जरिए भेजे जाने वाली दवाओं के बदले यह लोग बिटकॉइन के जरिए भी पेमेंट लेते थे.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक संजय कुमार सिंह के मुताबिक एनसीबी को सूचना मिली थी कि इंटरनेट फार्मेसी के सहारे अवैध तरीके से नशीली दवाओं को अमेरिका और अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है. जांच के दौरान पता चला कि जो दवाई भेजी जा रही है उनमें ऑक्सीकोडोन हाइड्रोकोडोन अल्प्राजोलम डायजेपाम शामिल हैं.
दवाओं की आपूर्ति के लिए होती थी बात
आरंभिक जांच के दौरान पता चला कि हैदराबाद की जे.आर इंफिनिटी कंपनी द्वारा यह काम किया जा रहा है. इसका कार्यालय परिसर हैदराबाद शहर के डोमालगुड़ा इलाके में था. यह पता चला कि इस कंपनी कर्मचारी ईमेल और वीआईपी कॉल पर संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में मनोरंजक उपयोग के लिए इन दवाओं की आपूर्ति के लिए बातें करते थे.
सूचना के आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हैदराबाद में इस कंपनी और उसके निशक के ठिकानों की तलाशी ली इस दौरान तीन करोड़ 71 लाख रुपए की नगदी कई लैपटॉप मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जो इस काम के लिए उपयोग किए जाते थे और जिनके जरिए अवैध इंटरनेट फार्मेसी को भी अंजाम दिया जाता था बरामद किए गए. उन सभी को जप्त कर लिया गया है.
दवाओं का बिटकॉइन्स से होता था भुगतान
एनसीबी को अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि इस कंपनी के कर्मचारी विदेशों में मौजूद लोगों से दवाओं की आपूर्ति की बात करते थे और जब वहां के लोग इनकी आपूर्ति के लिए सहमत हो जाते थे तो उनसे उत्पाद और कीमत की बात की जाती थी. इसके बाद कर्मचारी ग्राहकों का पता ईमेल आईडी और उनके साथ भुगतान लिंक साझा करते थे. दिलचस्प यह भी है कि विदेश में रहने वाला ग्राहक अपनी पसंद के आधार पर इन दवाओं के बदले भुगतान कर सकता था. इन नशीली दवाओं के बदले बिटकॉइन्स क्रेडिट कार्ड आदि के आधार पर इस कंपनी द्वारा पेमेंट ली जाती थी.
अब तक की जांच के दौरान यह भी पता चला है कि इस मामले में पिछले 2 सालों के दौरान सैकड़ों शिपमेंट या अन्य तरीकों से यह नशीली दवाएं विदेशों में भेजी गई. पता चला है कि इस मामले का मुख्य आरोपी संदीप ड्रग तस्करी नेटवर्क में एक अहम खिलाड़ी है जो फरार बताया गया है. मामले की जांच जारी है.