हैदराबाद: मक्का मस्जिद बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद कड़ी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. वहीं जांच एजेंसी एनआईए ने कहा है कि हम अदालत के फैसले की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे.
बम धमाके के मामले में अभिनव भारत के सदस्य असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा उर्फ अजय तिवारी, लक्ष्मण दास महाराज, मोहनलाल रतेश्वर और राजेंद्र चौधरी समेत 10 को एनआईए ने आरोपी बनाया था. इस केस में दो और आरोपी- रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे का भी नाम है, जो अभी भी फरार है. वहीं केस के एक मुख्य आरोपी सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को अज्ञात लोगों ने मध्य प्रदेश के देवास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सुनील जोशी आरएसएस से जुड़े थे.
मक्का मस्जिद बम विस्फोट में जिन आरोपियों को बरी किया गया वह हैं- स्वामी असीमानंद, मोहनलाल रतेश्वर, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा और राजेंद्र चौधरी. एनआईए ने जांच के दौरान 226 गवाहों और 411 दस्तावेजों की जांच की. इनमें से लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित समेत 64 गवाह मुकर गये.
मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस LIVE UPDATES
1:10 AM: कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा- सरकार निर्भर है कि वह फैसले पर गौर करे. इसमें वह देखे की आगे अपील की आवश्यकता है या नहीं. यह न्यायिक मामला है. मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा.
12: 40 PM: कोर्ट के फैसले पर गृह मंत्रालय के पूर्व अधिकारी आर वी एस मणि ने कहा- हमें यही उम्मीद थी.
12: 35 PM: एनआईए कोर्ट के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने उठाए सवाल, कहा- जून 2014 के बाद मक्का मस्जिद ब्लास्ट के सभी गवाह मुकर गये. न्याय नहीं हुआ.
9 लोगों की हुई थी मौत
18 मई 2007 हैदराबाद में जुमे की नमाज के दौरान ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में विस्फोट में नौ लोगों की मौत हुई थी और 58 लोग घायल हो गए थे. स्थानीय पुलिस की शुरुआती छानबीन के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया. सीबीआई ने एक आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 2011 में सीबीआई से यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के पास गया था.