NCPCR on Hyderabad Rape Case: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हैदराबाद में 17 वर्षीय एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी को लेकर पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने हैदराबाद के एक पब (Hyderabad Pub) में नाबालिगों को प्रवेश देने के मामले में पब प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है. पीड़िता के साथ 28 मई को कथित तौर पर पांच लोगों ने बलात्कार किया था, जिनमें से तीन नाबालिग हैं. 


हैदराबाद में गैंगरेप की घटना से पहले वह दिन में पब में आयोजित एक पार्टी में शामिल हुई थी. हैदराबाद पुलिस को शुक्रवार को जारी एक पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा है कि आयोग ने इसका संज्ञान लिया है कि घटना कथित तौर पर 28 मई 2022 को हुई, लेकिन प्राथमिकी तीन बाद 31 मई 2022 को दर्ज की गई. 


हैदराबाद रेप केस में NCPCR ने पुलिस से मांगा जवाब


एनसीपीसीआर ने कहा है कि प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी चिंता का विषय है. इसके कारण बताए जाएं और गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर आयोग को इससे अवगत कराया जाए. एनसीपीसीआर ने पुलिस से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जांच के दौरान पीड़िता की पहचान गुप्त रखी जाए. पुलिस के अनुसार, लड़की के पिता ने 31 मई को शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई हो सकती है, लेकिन असल में क्या हुआ, वह इसका खुलासा नहीं कर सकती क्योंकि वह सदमे में है.


NCPCR ने पब को लेकर क्या कहा?


हैदराबाद गैंगरेप रेप (Hyderabad Gang Rape) मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कहा कि पब द्वारा नाबालिगों को प्रवेश देना भी गंभीर चिंता का विषय है. एनसीपीसीआर ने कहा कि इसलिए पब प्रबंधन के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए और इसकी जानकारी आयोग को दी जानी चाहिए. आयोग ने पत्र प्राप्त होने के सात दिन के भीतर हैदराबाद पुलिस (Hyderabad Police) से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.


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