हैदराबाद से सटे शमशाबाद में मस्जिद गिराने पर भारी बवाल, AIMIM का प्रदर्शन, इलाके में धारा 144 लागू
Masjid Khwaja Mahmood: मस्जिद करीब तीन साल पहले बनी थी. लोगों का कहना है कि मस्जिद में दो साल से शुक्रवार की नमाज सहित पांच बार की नमाज नियमित रूप से की जा रही थी.
Shamshabad Masjid Khwaja Mahmood: तेलंगाना के हैदराबाद से सटे शमशाबाद में मस्जिद-ए-खाजा महमूद को गिराए जाने के बाद भारी बवाल हो गया है. मंगलवार की सुबह तड़के लगभग 3:30 बजे शमशाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ शमशाबाद में ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी में मस्जिद-ए-खाजा महमूद को ध्वस्त कर दिया था. बताया जा रहा है कि मस्जिद करीब तीन साल पहले बनी थी. लोगों का कहना है कि मस्जिद में दो साल से शुक्रवार की नमाज सहित पांच बार की नमाज नियमित रूप से की जा रही थी.
अवैध निर्माण का मामला कोर्ट में दायर
वहीं स्थानीय निवासियों ने जो कि अन्य समुदाय से आते हैं, उन्होंने शमशाबाद नगर अधिकारियों से मस्जिद के बारे में शिकायत की थी. साथ ही मस्जिद के अवैध निर्माण का एक मामला कोर्ट में दायर है. मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि शमशाहाद नगर के अधिकारियों ने भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ इस बीच मस्जिद को ध्वस्त कर दिया.
मामले ने पकड़ा राजनीतिक तूल
अब ये मामला राजनीतिक बन चुका है. एमबीटी के प्रवक्ता अमजद उल्लाह खान ने इस मामले में तेलंगाना के गृह मंत्री महमूद अली और तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड को घसीटा और राज्य सरकार पर धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया. खान ने कहा कि के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के "बुलडोजर राज" के के पदचिह्नों पर चल रही है. इस बीच AIMIM विधायक कौसर और पार्टी समर्थकों ने बुधवार को मस्जिद की जगह पर नमाज़ पढ़ी और प्रदर्शन किया. इसको देखते हुए पुलिस ने इलाके में एतिहातन धारा 144 लगा दी और उन्हें हिरासत में ले लिया.
मामले पर AIMPLB ने बयान जारी किया
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने प्रेस नोट में कहा, इस बात पर जितना भी अफसोस किया जाए कम है कि तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद शहर से सटे शमशाबाद में "मस्जिद ख़्वाजा महमूद" को रातों रात शहीद कर दिया. यह अत्यन्त दुखद और मुसलमानों के लिए असहनीय कृत्य है, एक ओर सरकार अल्पसंख्यकों से सहानुभूति का दावा करती है और दूसरी ओर तेलंगाना में मुसलमानों के पवित्र स्थलों के लिए उत्तर प्रदेश की बुलडोज़र संस्कृति लागू करती है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसकी कड़ी निन्दा करता है और सरकार से मांग करता है कि वह बिना किसी देरी के यहां मस्जिद का पुनर्निर्माण करवाएं.