हैदराबाद: हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की जांच के लिए तेलंगाना सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इस संबंध में रविवार को एक सरकारी आदेश जारी किया गया है.


आदेश में कहा गया है कि चारों आरोपियों की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसे तर्क और सच्चाई के साथ स्थापित करने की दृष्टि से इस मामले की लगातार और केंद्रित जांच की आवश्यकता है और इसके लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है.


आदेश में कहा गया है कि रचाकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम भगत के नेतृत्व वाले आठ सदस्यीय एसआईटी दल को ‘एनकाउंटर’ के संबंध में दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में लेनी चाहिए और इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इससे संबंधित सभी दर्ज मामलों की जांच एसआईटी को सौंप दी जानी चाहिए.


एनकाउंटर पर साइबराबाद पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों ने पुलिसकर्मी से हथियार छीन लिए थे और गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं जिसके बाद पुलिस ने ‘जवाबी कार्रवाई’ में गोलियां चलाईं.


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सात सदस्यीय दल ने शनिवार को उस जगह का दौरा किया जहां पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गए आरोपी कथित मुठभेड़ में मारे गए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर कर पुलिस कार्रवाई में हुई मौतों की उसके पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की मांग की गई थी.


इस बीच तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ उनके साथ गए पुलिसवालों पर “हमला” करने का मामला दर्ज किया गया है.


पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के बीच मारे गए आरोपियों में से एक की पत्नी नारायणपेट जिले में स्थित अपने गांव में कुछ अन्य लोगों के साथ सड़क पर बैठ गई और चक्का जाम किया. उसका आरोप था कि उसके साथ नाइंसाफी हुई है.


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