कोरोना महामारी संकट के इस दौर में दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर कोविड-19 के सुरक्षित टीके के तलाश में जुटे हुए हैं. सभी देशों की निगाहें भारत पर टिकी हैं जहां दुनिया की 60 फीसदी वैक्सीन तैयार होती है. आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद वैक्सीन उत्पादन में भारत का सबसे प्रमुख केंद्र है. इस शहर में ग्लोबल वैक्सीन सप्लाई के एक तिहाई से अधिक तैयार करने की क्षमता है.
भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवोक्सीन, रूस की स्पूतनिक V, जॉनसन एंड जॉनसन की Ad26 Cov2.S, फ्लूजेन की कोरोफ्लू औऱ सनोफी की आने वाली वैक्सीन सभी का तालुकात हैदराबाद से है. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद की सभी वैक्सीन कंपनियां मैनुफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में बेहद मजबूत हैं. साथ ही गुड क्वालिटी की लाखों डोज तैयार करने की क्षमता भी है.
बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड की मैनेजिंग निदेशक महिमा दातला कहती हैं कि वैक्सीन तैयार करने की अपनी क्षमता की वजह से हैदराबाद कोरोना महामरी के खिलाफ जंग का महत्वपूर्ण हिस्सा साबित होगा. उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन को अकैडमिक लैबोरेट्री या नॉन वैक्सीन कंपनियों में तैयार किया जा रहा है. उनके पास जरूरी ढांचा नहीं होने की वजह से भारत या चीन की कंपनियों के साथ साझेदारी करनी होगी. हैदराबाद के कई वैक्सीन निर्माताओं यह चर्चा चल रही है जब कोरोना वायरस का सफल वैक्सीन बन जाएगा तो वे अपनी निर्माण क्षमता का उपयोग कर सकेंगे.
वह आगे कहती हैं कि यह किसी को नहीं मालूम कि किसका वैक्सीन सफल होगा और यह कब तक बनकर तैयार होगा. हैदराबाद की अधिकतर वैक्सीन निर्माण कंपनियां पहले वैक्सीन बनाने वाले को अपनी क्षमता देने के लिए तैयार हैं. इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (आईआईएल) के डिप्टी एमडी प्रसन्ना देशपांडे के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण की संख्या को देखते हुए हैदराबाद से बेहतर और कोई जगह नहीं हो सकती है. इस शहर में बड़े पैमाने पर वैक्सीन निर्माण की क्षमता है.
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