Gender Change: हैदराबाद में तैनात भारतीय रेवन्यू सर्विस की महिला अधिकारी लिंग परिवर्तन कराकर युवक बन गईं हैं. लिंग परिवर्तन के बाद उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया है. उन्होंने अपना नाम अब एम अनुसूया से अनुकाथिर सूर्या एम रख लिया है. इसके साथ ही अब से सभी सरकारी कागजातों में भी उनका नाम अनुकाथिर सूर्या एम के तौर पर जाना जाएगा. उन्होंने सरकार से अपना नाम बदलने की गुहार लगाई थी, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है. साथ आदेश भी जारी कर दिया है.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की अधिसूचना के अनुसार, सुश्री एम अनुसूया आईआरएस वर्तमान में मुख्य आयुक्त के तौर पर तैनात हैं. वहीं, उन्होंने अपना नाम एम अनुसूया से बदलकर अनुकाथिर सूर्या एम करने और लिंग को महिला से पुरुष करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद अब से चीफ कमिश्नर अधिकारी को सभी आधिकारिक कागजातों में अनुकाथिर सूर्या एम के तौर पर जाना जाएगा.
जानिए कैसे होता है जेंडर चेंज?
दरअसल, जेंडर चेंज सर्जरी कराना एक चुनौतियों से भरा काम होता है. इसका खर्च भी लाखों में आता है और इस सर्जरी को कराने से पहले मानसिक तौर पर भी तैयार रहना पड़ता है. जेंडर चेंज कराने के इस ऑपरेशन के कई लेवल होते हैं. ये प्रक्रिया काफी लंबे समय तक चलती है. महिला से पुरुष बनने के लिए करीब 32 तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है. पुरुष से महिला बनने में 18 चरण होते हैं. सर्जरी को करने से पहले डॉक्टर ये भी देखते हैं कि लड़का और लड़की इसके लिए मानसिक तौर से तैयार हैं या नहीं.
जेंडर चेंज करने के लिए क्या कानूनी प्रावधान हैं?
जेंडर चेंज करने के लिए सबसे पहले आवेदन करना होता है. उसके बाद आवेदन पर कार्यवाही होती है. एक बार जब व्यक्ति लिंग को बदलने का फैसला कर लेता है तो उसे एक हलफनामे का मसौदा तैयार करना होता है. इस हलफनामे में लिंग परिवर्तन की घोषणा की जाती है. इसमें नाम, पिता का नाम, पता, आयु और लिंग बताना होता है. साथ ही यह हलफनामा एक स्टांप पेपर पर नोटरीकृत होना चाहिए.
इस कड़ी में दूसरा कदम है उस शहर के एक प्रमुख समाचार पत्र में विज्ञापन देना. जिसके बाद आवेदन को जमा करने के बाद संबंधित विभाग उस आवेदन की समीक्षा करता है, जिसे लिंग परिवर्तन अधिसूचना ई-गजट में प्रकाशित किया जाएगा.