नई दिल्ली/रियाद: विदेशों में फंसे भारतीयों की जी जान से मदद करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से देश की एक और बेटी ने मदद की गुहार लगाई है. सऊदी अरब के रियाद में नौकरी करने गई हैदराबाद की हुमैरा वहां जाकर मुसीबत में फंस गई है. उसकी दो बहनें कह रही हैं कि अब तो सुषमा मैम ही उन्हें उनकी बहन से मिलवा सकती हैं.
हैदराबाद की रहने वाली हुमैरा नौकरी की आस में सऊदी अरब गई थी, लेकिन वहां जल्लादों के बीच फंस गई. हुमैरा का परिवार अब गुहार लगा रहा है.
हुमैरा की बड़ी बहन रेशमा ने कहा, ‘’ सुषमा स्वराज मैडम से रिक्वेस्ट है कि हमारी बहन जल्द से जल्द इंडिया आ जाए. मेरी बहन बहुत तकलीफ में है वहां पर. चार-चार दिन उसको खाना नहीं दे रहे, उसको फोन पर बात नहीं करने दे रहे. मेरी बहन चोरी से फोन करके बताती है कि मुझे खाना नहीं दे रहे, मुझे लातों से मारते हैं और वो बुड्ढा टॉर्चर कर रहा है. मुझे कमरे में खींचता है. मुझे जल्द से जल्द बुला लो नहीं तो मैं यहां से कूद कर सुसाइड कर लूंगी.’’
रेशमा के मुताबिक, हुमैरा पिछले महीने की 23 तारीख को ही रियाध गई थी. सैयद नाम के एजेंट ने उसे वहां एक छोटे बच्चे की आया के तौर पर नौकरी दिलाने का वादा किया था, लेकिन रियाध पहुंचने के बाद उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. रेशमा के मुताबिक हैदराबाद पुलिस भी उनकी पूरी मदद नहीं कर रही.
रेशमा ने बताया, ‘’एजेंट ने ये कहा था कि अगर बच्ची को कुछ हुआ तो मैं जिम्मेदार हूं. आप मेरे घर आकर मेरा गला पकड़ सकते हो. मेरे से पूछ सकते हो. लेकिन जब हम उनको उनके घर पूछने गए तो उनको बच्चों ने हमें मारा. हम एफआईआर लिखाने गए लेकिन अभी तक भी एजेंट को गिरफ्तार नहीं किया गया है. कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है.’’
रेशमा के मुताबिक हुमैरा अपने साथ मोबाइल फोन ले गई थी और उसी का चोरी छिपे इस्तेमाल करके वो अपना हाल उन तक पहुंचा रही है.
रेशमा का कहना है कि उन्होंने मदद के लिए भारतीय दूतावास तक गुहार लगाई तो उन्हें कहा गया कि हुमैरा को खुद हिम्मत दिखाकर बाहर निकलना होगा और दूतावास तक पहुंचना होगा, लेकिन रेशमा के मुताबिक हुमैरा ऐसा करने की हालत में नहीं है.
हुमैरा की दूसरी बहन मुस्कान भी बार-बार यही गुहार लगा रही है कि मुसीबत में फंसी उसकी छोटी बहन को किसी तरह वापस घर पहुंचाया जाए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने देश से बाहर मुसीबत में फंसे भारतीयों की हमेशा ही आगे बढ़कर मदद की है. हुमैरा की बहनों को भी उम्मीद है कि वो उनकी फरियाद भी ज़रूर सुनेंगी.