नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और दिल्ली पुलिस में ठन गई है. आप ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया. केजरीवाल किसानों के भारत बंद में शामिल होने के लिए जाने वाले थे. आप के आरोपों को पुलिस ने खारिज किया है.
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें केजरीवाल के आवास में जाने नहीं दिया गया. इसके बाद आप के कुछ विधायकों के साथ सिसोदिया धरने पर बैठ गए.
केजरीवाल क्या बोले?
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर मुझे रोका नहीं जाता तो मैं किसानों के भारत बंद के आह्वान में उनका समर्थन करने जाता.
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत बंद सफल रहा. मैंने प्रदर्शनकारी किसानों के लिए प्रार्थना की.
पुलिस क्या बोली?
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) एंटो अल्फोंस ने केजरीवाल के आवास के एंट्री गेट की तस्वीर साझा की और सभी आरोपों को खारिज किया. डीसीपी ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री को नजरबंद करने के दावे गलत हैं. वह कानून के अंतर्गत स्वतंत्रता से कहीं भी आने-जाने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं. आवास के प्रवेश द्वार की तस्वीर सब स्पष्ट करती है.’’
बीजेपी ने राजनीति का आरोप लगाया
विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल की नजरबंदी को ‘राजनीतिक चालबाजी’ करार दिया. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता नवीन कुमार ने कहा कि आप पार्टी झूठ और धोखेबाजी की राजनीति में लिप्त है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कल मुख्यमंत्री केजरीवाल सिंघू बॉर्डर गये थे और वह शाम को एक पार्टी में भी गये. यह रहा वीडियो. वे घर में आराम को नजरबंदी कह रहे हैं.’’
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, ‘‘यह चालबाजी है. जब उनकी सरकार ने नये कृषि कानून को अधिसूचित किया है तो वह भारत बंद का समर्थन कैसे कर सकते हैं? उन्हें अपने आवास से निकलने से पहले अमित शाह की अनुमति का इंतजार करना होगा.’’
हालांकि आप नेताओं ने दोहराया कि केंद्र ने केजरीवाल को नजरबंद किया है ताकि वह प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन नहीं कर सकें.
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘‘ सिंघू बॉर्डर से आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल को नजरबंद कर दिया गया है. सरकार नहीं चाहती कि केजरीवाल किसानों के साथ खड़े हों और इसलिए ही यह कदम उठाया गया है.’’