'मैं मुख्यमंत्री के आने से नहीं डरता', ठाणे पहुंचे जरांगे पाटिल की महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी
Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठाणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जरांगे पाटिल ने कहा कि वह अपना सब कुछ दांव पर लगा कर मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं.
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन कर चुके जरांगे पाटिल अब मराठाओं के स्टार नेता बन चुके हैं. उन्होंने भले ही महाराष्ट्र सरकार के आश्वासन पर अपनी भूख हड़ताल दिसंबर तक रोक दी है, लेकिन वह पूरे महाराष्ट्र में दौरे कर रहे हैं. इस दौरान पाटिल मराठाओं को एकजुट करने और आरक्षण लेने के लिए शहर- शहर सभाएं कर रहे हैं.
इस बीच वह मंगलवार (21 नवंबर) को मुंबई से सटे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शहर ठाणे पहुंचे. यहां भी उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया. पाटिल ने अपने भाषण में कहा, "मैं मुख्यमंत्री के शहर आने से नहीं डरता. भले ही मुझे रोकने की कोशिश की जाए."
'आरक्षण समय पर मिलना चाहिए'
भाषण के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ करते हुए पाटिल ने कहा कि उनमें निर्णय लेने की क्षमता है. अगर वे आरक्षण देंगे तो हम उन्हें सिर पर बैठाकर रखेंगे, लेकिन आरक्षण समय पर मिलना चाहिए. उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि अगर महाराष्ट्र सरकार 24 दिसंबर तक मराठा आरक्षण के मुद्दे पर निर्णय नहीं लेती है तो इसके बाद बैठक कर आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा.
जरांगे पाटिल ने मराठा कुनबी आरक्षण के मुद्दे को लेकर अपने खिलाफ बोलने वाले नेताओं और ओबीसी आरक्षण की तरफदारी करने वालों पर कटाक्ष किया और कहा कि एक मंत्री आए और बोले कुनबी सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता. मैंने उनसे कहा कि आपकी जाति ओबीसी में कैसे चली गई, चली गई और कभी वापस नहीं आई.
'मैं कोई गलती नहीं कर रहा'
उल्लेखनीय है कि जरांगे अपनी सभाओं में मराठाओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और सबको आरक्षण के खिलाफ बोलने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है, मैं कोई गलती नहीं कर रहा हूं. मैं अपना सब कुछ दांव पर लगा कर मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहा हूं और अब मुझे महाराष्ट्र के सभी मराठाओं का साथ चाहिए."
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