(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लंदन से पीएम मोदी का विपक्ष पर वार, कहा- 20 सालों से 'एक किलो-दो किलो' गालियां रोज खाता हूं
लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पिछले दो दशकों से हर दिन एक किलो से दो किलो (वन केजी टू टू केजी) गालियां खाता आया हूं.
लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें हर दिन एक किलो-दो किलो गालियां पड़ती है. लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में एक युवक ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए पूछा था कि आप इतनी ऊर्जा कहां से लाते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं. एक जवाब यह है कि मैं पिछले दो दशकों यानि करीब 20 सालों से हर दिन एक किलो से दो किलो (वन केजी टू टू केजी) गालियां खाता आया हूं. (यह कहते हुए मोदी और वहां मौजूद लोग कुछ देर तक हसंते रहे)''
लगातार काम करने के बावजूद थकान महसूस न होने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, ''मेरा शरीर तो थकता है, लेकिन उसी समय अपनों की खबर आती है- कभी त्रिपुरा से कभी दिल्ली से तो फिर मन कहता है कि चलो उठो यार. सबसे बड़ी चीज है मन की अवस्था. शरीर को जितना फिट रख सकते हैं उतना रखना चाहिए.''
1. आलोचना नहीं, सिर्फ आरोप: ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष और कवि प्रसून जोशी होस्ट कर रहे थे. विपक्षी पार्टियों की ओर से अपनी सरकार की आलोचना किए जाने पर इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें आलोचना से समस्या नहीं है. उन्होंने कहा , ‘‘आलोचना करने के लिए शोध करना चाहिए और उचित तथ्यों का पता लगाना चाहिए. लेकिन दुखद है कि अब ऐसा नहीं हो रहा. अब सिर्फ आरोप लगाए जाते हैं.’’
2. 'चाय बेचने वाला' शाही महल में हाथ मिला सकता है: मोदी ने कहा कि पहले की सरकार एक परिवार के आसपास केंद्रित होती थी लेकिन लोगों ने दिखाया है कि लोकतंत्र में एक चाय बेचने वाला भी उनका प्रतिनिधि बन सकता है और शाही महल में हाथ मिला सकता है. उन्होंने कहा , ‘‘पहले लोगों ने ‘चलता है’ वाला रवैया अपना रखा था , लेकिन अब उन्हें हमसे काफी अपेक्षाएं हैं.’’
3. लोकतंत्र कोई कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट नहीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''लोकतंत्र कोई कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट नहीं है कि मैंने आज ठप्पा मारा वोट दे दिया. 5 साल काम करो मैं बाद में पूछूंगा कि क्या किया, वरना दूसरे को ले आउंगा. ये कोई लेबर कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, ये भागीदारी का काम है.''
4. पाकिस्तान फोन उठाने से भी डरा: पाकिस्तान पर निशाना साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा और उन्हें उसी भाषा में जवाब देगा ‘‘जो उन्हें समझ आती है.’’मोदी ने कहा ‘‘किसी ने आतंक के निर्यात की फैक्ट्री लगा ली हो और हम पर पीछे से हमले की कोशिशें करता हो तो मोदी उसी भाषा में जवाब देना जानता है.’’ उन्होंने बताया कि कैसे भारत ने हमलों के बारे में पहले पाकिस्तान को सूचित किया और फिर मीडिया और लोगों को बताया. उन्होंने कहा , ‘‘मैंने कहा कि जब भारत को पता चले उससे पहले ही हमें पाकिस्तान को कॉल करके बता देना चाहिए. हम उन्हें सुबह 11 बजे से ही फोन कर रहे थे लेकिन वे फोन पर आने से भी डरे हुए थे. 12 बजे हमने उनसे बात की और तब भारतीय मीडिया को बताया.’’
5. मैं इजराइल जाता रहूंगा: यह पूछे जाने पर कि पहले के प्रधानमंत्रियों को इजराइल जाने से किसने रोका, इस पर मोदी ने कहा , ''हां , मैं इजराइल जाऊंगा और मैं फलस्तीन भी जाऊंगा.'' गौरतलब है कि मोदी इजराइल और फलस्तीन की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा , ‘‘मैं सऊदी अरब से भी सहयोग बढ़ाऊंगा और भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए मैं ईरान से भी संवाद करूंगा.’’
6. रेप पर राजनीति न हो: देश में नाबालिग लड़कियों से रेप की हालिया घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया और कहा कि यह सिर्फ व्यक्ति की नहीं बल्कि समाज की भी बुराई है. 'भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘मैं इस सरकार और उस सरकार में रेप की घटनाओं की संख्या की गिनती में कभी शामिल नहीं हुआ. रेप, रेप है, चाहे वह अब हुआ या पहले हुआ हो. यह बेहद दुखद है. इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि किसी बेटी से रेप देश के लिये शर्म का विषय है.
7. रोहिंग्या को की मदद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय था जब यमन ग्राउंड पर चर्चा होती थी तो पश्चिमी देशों की बात होती थी. भारत की कोई बात नहीं करता था. लेकिन जब यमन से भारत ने अपने 5 हजार लोगों को निकाला तो दुनिया ने अपील की आप मदद करें और भारत ने 2 हजार लोगों को निकालने में मदद की. भारत ने म्यांमार से बांग्लादेश से भागे रोहिंग्याओं को भूखों नहीं मरने दिया और अपने पड़ोसी के पास स्टीमर भर-भर के चावल पहुंचाएं. अपने पड़ोसी नेपाल में भूकंप के वक्त हमने अपने लोगों को भेजकर मदद की. हमारा कहना है, ना हम किसी से आंख झुकाकर बात करेंगे ना आंख उठाकर बात करेंगे. हम आंख मिलाकर बात करेंगे और आज विश्व जिस अवस्था में पहुंच रहा है.
8. लिंगायत की याद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के भगवान बसवेश्वर को याद करते हुए कहा, ''आजादी के बाद हमारी महान विरासत को भुला दिया गया. भगवान बसवेश्वर के वचन सभी भाषाओं में उपलब्ध है उसे पढ़ना चाहिए. हमें अपनी महानताओं को पता ही नहीं हैं. आपको जानकर खुशी होगी 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर ने लोकतंत्र के लिए जीवन खपा दिया.''
9. वरिष्ठ नागरिकों ने सब्सिडी छोड़ी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्व बढ़ने और आम नागरिकों के सहयोग का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अमीर लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी. साथ ही उन्होंने कहा कि विकास को जन आंदोलन में तब्दील होना चाहिए. 40 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे की सब्सिडी छोड़ी. हमारा काम जनता को समझना और उसे जोड़ना है. मैं जनता को साथ लेकर काम करने पर विचार कर रहा हूं.
10. गलत इरादे से काम नहीं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काम के दौरान लोगों से कुछ गलतियां हो जाती हैं लेकिन गलत इरादे से कोई काम नहीं करूंगा यह देश से वादा किया है. कोई कल्पना कर सकता है कि 86 फीसदी करेंसी अर्थव्यवस्था से बाहर हो जाए तो क्या स्थतियां हो जाती हैं लेकिन सवा सौ करोड़ देशवासी इस फैसले के साथ रहे. अब किसी को पत्थर फेंकना है, कूड़ा-कचरा फेंकना है तो किसपर फेंकेंगे. लेकिन ये भी है कि मैं अपने देशवासियों पर पत्थर और कूड़ा नहीं आने देता हूं मैं खुद झेल लेता हूं.
11. इतिहास में अमर होना ख्वाहिश नहीं: जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा गया कि आप कैसे चाहते हैं कि इतिहास आपको कैसे याद रखे? तो मोदी ने कहा कि इतिहास में नाम दर्ज कराना मोदी का मकसद नहीं है, ना इसके लिए मोदी पैदा हुआ है. लोग मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखें. इतिहास में अमर होना मेरी ख्वाहिश नहीं है.
12. मैं भी भारत का साधारण नागरिक: यह पूछे जाने पर कि क्या वह अकेले दम पर देश बदल सकते हैं, इस पर मोदी ने कहा कि वह किसी अन्य भारतीय की तरह एक साधारण नागरिक हैं. मोदी ने कहा , ‘‘हमारा जोर तीन चीजों पर है - छात्रों के लिए शिक्षा , युवाओं के लिए रोजगार और बुजुर्गों के लिए दवाएं.’’उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 10 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवार आएंगे और उन्हें हर साल प्रति परिवार पांच लाख रुपए तक की कवरेज मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस योजना के कारण टियर -2 और टियर -3 शहरों में निकट भविष्य में 1,000 से ज्यादा अस्पताल बनेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने पहले बीड़ा उठाया कि गांव में बिजली पहुंचाऊंगा, फिर घरों में पहुंचाऊंगा. कुल 25 करोड़ परिवारों में से 4 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास बिजली नहीं पहुंची है, मैं इन घरों में भी बिजली पहुंचाऊंगा.