Sanjay Raut: शिवसेना सांसद संजय राउत को जमानत मिल गई और वो जेल से रिहा कर दिए गए हैं. प्रवतर्तन निदेशालय ने उन्हें पात्रा चॉल घोटाले के मामले में 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था. जेल से बाहर आने के बाद पहले तो वो अपने पुराने अंदाज में नजर आए और जेल के बाहर खड़े अपने समर्थकों को अभिवादन किया. जेल से बाहर आने के बाद संजय राउत पहली बार बोले हैं.
उन्होंने कहा, ‘मुझे जेल क्यों भेजा गया पता नहीं, किसी के साथ हमारे मतभेद नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मेरा न्याय पर भरोसा ज्यादा हो गया है.’ राउत के रिहा होते ही आर्थर रोड जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने जमकर पटाखे फोड़े और एक दूसरे को गुलाल लगाया. शिवसैनिकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी भी की. कोर्ट ने दोनों तरफ की दलीलों को सुनने के बाद उन्हें बुधवार को जमानत दे दी. इसके बाद उन्होंने जज को धन्यवाद किया और कहा कि मैं आपका आभारी हूं.
जमानत का विरोध, बंबई हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया था. जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, जहां पर उनकी जमानत को लेकर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी. मुंबई कोर्ट ने संजय राउत की जमानत याचिका पर फिलहाल स्टे देने से इनकार किया. ईडी की याचिका पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रक्रिया के खिलाफ जाकर सुनवाई नहीं की जा सकती है. हम गुरुवार सुबह को इस मामले में सुनवाई करेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि महीने भर की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उस पर सिर्फ 10 मिनट में कोई डिसीजन देना ठीक नहीं है.
जमानत के लिए राउत के वकीलों ने क्या दलील दी थी?
संजय राउत के वकीलों ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ, जो मामला है वह सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है. ईडी ने राउत की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से संबंधित धनशोधन मामले में प्रमुख भूमिका निभाई और धन के लेन-देन से बचने के लिए पर्दे के पीछे से काम किया. ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितता और कथित रूप से उनकी पत्नी और सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित है.
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