मुझे किसी इलेक्टोरल बॉन्ड मुद्दे के बारे में याद नहीं है: पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई
चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के चंदा जुटाने के प्रोसेस को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से इलेक्टोरल बॉन्ड की घोषणा की गई थी.
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक बड़ा बयान दिया है. एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हे किसी इलेक्टोरल बॉन्ड मुद्दे के बारे में जानकारी नहीं है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 2019 में इलेक्टोरल बॉन्ड पर एक याचिका पर सुनवाई की थी जिसकी अध्यक्षता रंजन गोगोई ने की थी. बीजेपी की 2017-18 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड की मदद से सबसे बड़ी रकम मिली थी.
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी कांग्रेस ने इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाया था. इलेक्टोरल बॉन्ड को औपचारिक तौर पर भ्रष्टाचार का साधन बताते हुए कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने संसद में हंगामा किया था.
क्या होता है इलेक्टोरल बॉन्ड
चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के चंदा जुटाने के प्रोसेस को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से इलेक्टोरल बॉन्ड की घोषणा की गई थी. इस बॉन्ड की मदद से पैसा दान दिया जा सकता है. इस बॉन्ड की मदद से आम आदमी किसी राजनीतिक पार्टी को पैसा दान दे सकता है. इस बॉन्ड में दान की गई चंदे की रकम 1 हजार से लेकर 1 करोड़ रुपये होती है.
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