कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि 1991 में अपने पिता राजीव गांधी की हत्या से उन्हें काफी दुख हुआ था, लेकिन इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के प्रति उनके मन में कोई नफरत या गुस्सा नहीं है तथा उन्होंने उन लोगों को माफ कर दिया है. राहुल यहां एक राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं के साथ बातचीत कर रहे थे. उसी क्रम में एक विद्यार्थी ने उनसे सवाल किया, ‘‘लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) ने आपके पिता की जान ले ली थी, इन लोगों के बारे में आपकी क्या भावनाएं हैं?’’ इसके जवाब में राहुल ने कहा कि हिंसा आपसे कुछ छीन नही सकती.
उन्होंने कहा, "मुझे किसी के प्रति गुस्सा या नफरत नहीं है. निश्चित रूप से, मैंने अपने पिता को खो दिया और वह मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था.’’ उन्होंने कहा कि यह किसी के दिल को अलग कर देने जैसा था. तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा, "मुझे काफी दुख हुआ, लेकिन मुझे क्रोध नहीं है. मुझे कोई नफरत या क्रोध नहीं है. मैंने माफ कर दिया."
अपने पिता और दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खोने के बावजूद उनकी राजनीतिक पारी से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा,‘‘हिंसा आपसे कुछ नहीं छीन सकती... मेरे पिता मुझमें जीवित हैं... मेरे पिता मेरे जरिए बात कर रहे हैं." गांधी ने मछुआरा समुदाय के लोगों के साथ संवाद करने के बाद भारतीदासन राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे उन्हें 'सर' कह कर नहीं बल्कि राहुल कह कर संबोधित करें. हालांकि ज्यादातर विद्यार्थियों ने उन्हें राहुल 'अन्ना' (बड़े भाई) के रूप में संबोधित किया.
अपने मित्रों और 'गर्ल फ्रेंड' के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके बहुत सारे दोस्त हैं जिनमें राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के अलावा समान पसंद वाले लोग शामिल हैं. जब उनसे गर्ल फ्रेंड के बारे में फिर सवाल किया गया तो राहुल ने कहा, "हम इसे किसी और दिन के लिए छोड़ देते हैं."
एक छात्रा ने कहा कि वह इंजीनियरिंग का कोर्स नहीं कर पा रही है जबकि उसे यह काफी पसंद है. इस पर राहुल ने छात्रा को अपना सपना पूरा करने की सलाह दी और मदद का आश्वासन दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वह चाहेगी तो वह उसके माता-पिता से बात करेंगे.
ज्यादातर दलों ने राजीव गांधी हत्या मामले के सात दोषियों की रिहाई का समर्थन किया है लेकिन तमिलनाडु कांग्रेस ने इसका विरोध किया है. एक महिला आत्मघाती हमलावर ने 21 मई, 1991 को एक चुनाव रैली में राजीव गांधी की चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में हत्या कर दी थी. श्रीलंका में 2009 के गृह युद्ध में सेना ने लिट्टे को हरा दिया था.
प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख के एस अलागिरी ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर राजीव गांधी हत्या मामले के दोषियों को रिहा कर दिया जाएगा तो 25 साल से अधिक समय जेल में बिताने वाले "हत्या के सभी दोषियों" की रिहाई की मांग उठेगी. तमिलनाडु सरकार ने 2018 में दोषियों को रिहा करने की राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से सिफारिश की थी. इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच वाकयुद्ध हुआ था.
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