मैं आम आदमी बनकर किसानों का समर्थन करने जाना चाहता था, मुझे जाने नहीं दिया गया- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इन सभी कारणो से केंद्र सरकार बहुत नाराज है. अब 2 दिन से इन लोगों ने कोशिश की कि किसी भी तरह से मैं बाहर ना निकल पाऊं. क्योंकि अगर आज यह लोग रोकते नहीं, तो शायद थोड़ी देर के लिए मैं वहां जाता.
नई दिल्ली: भारत बंद का दिन दिल्ली में राजनीतिक उठापटक और आरोप प्रत्यारोप का भी दिन रहा. आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री को दिल्ली पुलिस द्वारा उनके ही आवास में नज़रबंद करने का आरोप लगाया, जिसे दिल्ली पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया. अब इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मैं मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बन कर सिंघु बार्डर पर जाकर आधा-पौना घंटा किसानों के साथ बैठ कर वापस आना चाहता था, लेकिन मुझे जाने नहीं दिया गया. अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति मांगी थी और दबाव भी बनाया था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया था. स्टेडियम को जेल बनाने की अनुमति नहीं देने से किसानों के आंदोलन को काफी मदद मिली और तभी से केंद्र सरकार बहुत ज्यादा नाराज है. वे नहीं चाहते थे कि मैं किसी भी तरह से बाहर जाऊं और किसानों के बीच जाकर उनका समर्थन करूं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर पार्टी के विधायकों और सांसदों का जमावड़ा लगा था. देर शाम पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल से मिले. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के नेताओं को संबोधित किया. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि सारा देश एक साथ किसानों की इन मांगों के समर्थन में एकजुट हो गया है. एक तरफ से एकता आ गई है. आज मेरा भी मन था और मैंने भी योजना बना रखी थी कि आज मैं थोड़ी देर के लिए मुख्यमंत्री बन कर नहीं, बल्कि एक आम आदमी बनकर बॉर्डर पर जाऊंगा और आधा-पौना घंटा अपना समर्थन उनको देने के लिए और एकजुटता जाहिर करने के लिए एक आम आदमी की तरह उनके साथ बैठूंगा और वापस आ जाऊंगा. मुझे लगता है कि उनको शायद मेरी योजना पता चल गई थी. इसलिए आज उन्होंने मुझे जाने नहीं दिया. लेकिन मैं अपने घर पर बैठ कर ही भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि यह आंदोलन देश का आंदोलन है और यह सफल हो.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे पास केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया था. जब देश भर से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे, तो पहले इन्होंने हरियाणा के एक-एक शहर में किसानों को रोकने की कोशिश की. इसके लिए बैरिकेड लगाए, पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन हमारे किसान भाई सारी अड़चनों को पार करके दिल्ली पहुंच गए. इन्होंने फिर योजना बनाई कि किसानों को दिल्ली में आने देंगे और इन्होंने दिल्ली में नौ स्टेडियमों को जेल में परिवर्तित करने की अनुमति मांगी.
केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि उस दौरान मुझे अन्ना आंदोलन याद आ गया. हमें याद है कि उस समय भी इन लोगों ने बड़े-बड़े स्टेडियमों को जेल बनाया था. हम उसी जेल में रुके हुए थे. जेल में डाल देते थे और आंदोलन को कमजोर कर देते थे. मुझे पता था कि अगर आज हमने केंद्र सरकार को स्टेडियमों को जेल बनाने की इजाजत दे दी और अगर इन्होंने सारे किसानों को स्टेडियमों की जेल में बंद कर दिया, तो हमारे किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा. हमारे ऊपर खूब दबाव आए, कई फोन आए, लेकिन हमने ठान ली थी कि हम किसानों के साथ हैं. हमने इनको अनुमति नहीं दी. मैं समझता हूं कि उससे आंदोलन को काफी मदद मिली है. तभी से केंद्र सरकार बहुत ज्यादा नाराज है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने नेताओं से कहा कि मैं आप सब लोगों को बधाई देना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि आप में से कई लोग एमएलए, मंत्री और कार्यकर्ता हैं. आप लोग और दिल्ली की जनता रोज जाकर किसानों की सेवादार की तरह सेवा कर रहे हैं. हमने सब लोगों को हिदायत दे रखी है कि कोई टोपी, पट्टा पहनकर नहीं जाएगा और कोई वहां आम आदमी पार्टी का नाम नहीं लेगा. सभी लोग देशभक्त, भारतीय बनकर वहां जाएंगे और अपने किसानों की जाकर सेवा करेंगे. हमारे किसान पूरी जिंदगी रात-दिन, 24 घंटे, खून-पसीना बहाकर हमारी सेवा करते हैं. पहली बार आपको इनकी सेवा करने का मौका मिला है. मैं जानता हूं कि आप में से कई लोग फल, खाना लेकर जाते हैं. कुछ लोगों ने वहां पर शौचालय, पानी की जिम्मेदारी ले रखी है और अलग-अलग तरह से सेवा कर रहे हैं.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं भी मंगलवार सुबह सेवादार बनकर गया था. मैंने कहा था कि मैं आपका मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया हूं. मैं आपका सेवादार बन कर देखने आया हूं कि किसी चीज की कमी तो नहीं है. इससे भी केंद्र सरकार बड़ी नाराज हुई कि एक तो वो स्टेडियमों को जेल बनाने की अनुमति लेने के लिए आए और उनको हमने अनुमति नहीं दी थी. दूसरा, उनकी सहूलियतों का खयाल रख कर सुविधाएं दे रहे हैं. हम जितनी भी सहूलियत दे दें, लेकिन रात में इतनी कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर आसमान के नीचे सोना कोई छोटा काम नहीं है. उसके लिए किसानों को मैं सलाम करता हूं. फिर भी हमसे जो भी बन पड़ रहा है, हम वो सब कर रहे हैं.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इन सभी कारणो से केंद्र सरकार बहुत नाराज है. अब 2 दिन से इन लोगों ने कोशिश की कि किसी भी तरह से मैं बाहर ना निकल पाऊं. क्योंकि अगर आज यह लोग रोकते नहीं, तो शायद थोड़ी देर के लिए मैं वहां जाता. वह नहीं चाहते थे कि मैं उनके बीच में जाऊं और उनके साथ बैठकर समर्थन करूं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार किसानों की जो भी मांगें हैं, उन सारी मांगों को मानेगी. एमएसपी पर कानून बनाएगी, ताकि हमारे किसानों को और ज्यादा दिन कड़कड़ाती ठंड में ना बैठना पड़े. जिस देश का किसान और जिस देश का जवान दुखी है, वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता.
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