नयी दिल्ली: सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में आया फैसला उनके दृष्टिकोण का समर्थन करता है. उन्होंने मामले में पेश सबूतों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि सिन्हा के सीबीआई प्रमुख का पदभार संभालने के पहले मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया था.


सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, "मैं नैतिक रूप से आश्वस्त हुआ कि सबूत के अपने आकलन में मैं सही था." बहरहाल, सीबीआई के पूर्व निदेशक ए पी सिंह , जिनके कार्यकाल में एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की और आरोपपत्र दाखिल किया, ने जांच अधिकारियों का समर्थन करते हुए कहा कि वे उत्कृष्ट थे.

सिंह ने अदालती घटनाक्रम पर टिप्पणी से इंकार करते हुए जांच वाले हिस्से तक खुद को सीमित रखा. उन्होंने एनडीटीवी को एक साक्षात्कार में कहा, "दो कंपनियां - स्वान टेलीकॉम और यूनिटेक थी और हमारी जांच ने दिखाया कि इन दो कंपनियों की तरफदारी की कोशिश हुई."

मालूम हो कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक नेता कनिमोझी दोनों को इस मामले में बरी कर दिया. अदालत ने इस मामले में अन्य 15 आरोपियों और तीन कंपनियों को भी बरी कर दिया है.