बेंगलुरू: अपने स्कूल के दिनों की याद करते हुए विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी ने कई बाते कहीं. प्रेमजी ने कहा कि बचपन में स्कूल के दिनों में वह बहुत शरारती थे इसलिये अक्सर उन्हें क्लास से बाहर कर दिया जाता था.
उन्होंने कहा, मैं जब छोटा बच्चा था तो बहुत शरारती था. उन दिनों हमारे सिर पर और उल्टे हाथ पर पिटाई की जाती थी. हमें लंबा वक्त तक क्लास के बाहर घुटनों के बल बिताना पड़ता था. अब शायद इस तरह से बच्चों की पिटाई नहीं की जाती है लेकिन मैंने अपनी क्लास के बाहर इस तरह लंबा वक्त बिताया है. ’प्रेमजी ने विप्रो के 2016 अर्थियन अवार्डस के दौरान बच्चों के साथ बातचीत में अपने दिल की बातें साझा की.
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने शुरूआत में ही कॉलेज क्यों छोड़ दिया तो इस पर प्रेमजी ने कहा कि ऐसा उन्होंने अपने पिताजी की जिम्मेदारियां उठाने के लिए किया, क्योंकि बहुत कम उम्र में ही उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन उन्होंने इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपनी मास्टर्स की डिग्री कई साल बाद पूरी की.
उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई माता-पिता अपनी बेटियों को उनके अन्य बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंप देते हैं क्योंकि मां को अपने पति की आय में इजाफा करने के लिए बाहर काम करने जाना होता है.’ प्रेमजी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में और चतुराई के मामले में लड़कियां, लड़कों से कहीं अधिक बेहतर हैं.
विप्रो प्रमुख ने कहा, ‘मैंने गांव के कई स्कूलों का दौरा किया है और कॉलेजों का भी, लड़कियां हमेशा चतुराई के साथ सामने आतीं हैं. आप यहीं दर्शकों में महिलाओं की ओर से पूछे जाने वाले सवालों की गुणवत्ता देखिए. मेरे विचार में लड़कियां हमेशा लड़कों से बेहतर प्रश्न करती हैं.’ प्रेमजी ने कहा कि उन्होंने यह भी पाया है कि जहां भी स्कूलों में रैकिंग व्यवस्था होती है उसमें एक कक्षा में से 50 प्रतिशत पुरस्कार सिर्फ लड़कियों को मिलते हैं.
इसी कार्यक्रम में प्रेमजी ने देश में स्मार्ट सिटी परियोजना लागू करने की धीमी गति पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इतना समर्थन मिलने के बावजूद यह दुर्भाग्य है कि भारत में स्मार्ट सिटी परियोजना को गति नहीं मिल सकी है. गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी परियोजना वर्तमान एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. सरकार ने 25 जून 2015 को इसकी घोषणा की थी.
उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी कंपनी इस परियोजना के लिए सूचना प्रौद्योगिकी समाधान मुहैया कराने के लिए काम कर रही है.