नई दिल्ली: बीएमसी चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया है पार्टी बीएमसी चुनाव में किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. आपको बता दें सीटों को लेकर शिवसेना और बीजेपी में लंबे समय से पेंच फंसा था.
उद्धव ठाकरे के बयान के जवाब में महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''सत्ता हमारा लक्ष्य नहीं, विकास का साधन है. पारदर्शी कामकाज ही हमारा मूलमंत्र है. जो आएंगे उनके साथ, जो नहीं आएंगे उनके बिना ही परिवर्तन तो होगा.''
शिवसेना प्रमुख के बयान के बाद बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, ''हमारी इच्छा है कि बीएमसी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं, इसलिए जो हमारे साथ आना चाहता है उसका स्वागत है. भारतीय जनता पार्टी देवंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीएमसी में सरकार बनाने जा रही है.''
नॉर्थ ईस्ट के चार राज्यों से ज्यादा है बीएमसी का बजट
बीएमसी पर कब्जा होने का मतलब है देश की आर्थिक राजधानी पर कब्जा होना. बीएमसी का बजट करीब 37 हजार करोड़ है. इतना बजट तो देश के पंद्रवें बड़े राज्य अरुणाचल प्रदेश का भी नहीं है. मणिपुर का बजट 10500 करोड़ रुपये है जबकि अरुणाचल प्रदेश का बजट 12500 करोड़ रुपये है. मिजोरम का बजट करीब 8000 करोड़ रुपये और सिक्कम का 5800 करोड़ रुपये है. नार्थ ईस्ट के इन चारों राज्यों को भी मिला दें तो मुंबई की बीएमसी का बजट इनसे ज्यादा है.
क्यों अहम हैं इस बार चुनाव
कांग्रेस के लिए ये चुनाव नाक बचाने की तरह है. लोकसभा में हार, विधानसभा में हार के सिलसिले को कांग्रेस 20 साल बाद बीएमसी में जीत से खत्म करना चाहेगी. परीक्षा राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की भी है. इस समय बीएमसी मे शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार है. बीएमसी में कुल 227 कॉर्पोरेटर हैं.
अभी क्या है स्थिति?
शिवेसना के पास 89 कॉर्पोरेटर
बीजेपी के पास 32 कॉर्पोरेटर
कांग्रेस के पास 51 कॉर्पोरेटर
एनसीपी के पास 14 कॉर्पोरेटर
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पास 28 कॉर्पोरेटर
समाजवादी पार्टी के पास 8 कॉर्पोरेटर
शेतकरी कामगार पक्ष के पास 1 कॉर्पोरेटर
कुल चार निर्दलीय कॉरपोरेट हैं