नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है. वायु सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर 1000 किलो बम बरसाए हैं. वायुसेना ने POK में घुसकर जैश के कंट्रोल रूम को तबाह कर दिया. बता दें कि जहां आतंक के खिलाफ इस कदम की तारीफ पूरे भारत में हो रही है तो वहीं पाकिस्तानी सेना ने हाइ एलर्ट जारी कर दिया है.


यह कोई पहला मौका नहीं जब देश की वायुसेना ने इस तरह का जांबाजी दिखाई है. इससे पहले भी कई बार वायुसेना ने अपने शौर्य से दुश्मन के दांत खट्टे कर चुका है.आइए जानते हैं कब-कब भारतीय वायुसेना ने दुश्मन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है.


पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में 7 एयरबेसों को किया था तबाह


तीन दिसंबर 1971 के दिन ही भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हुई थी. इस दिन पाकिस्तान वायुसेना ने भारत पर हमला कर लड़ाई छेड़ी. तीन दिसंबर को इस्लामाबाद ने भारतीय वायुसेना के कई ठिकानों पर हमला करने का फैसला किया. जिसके बाद पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भारत की ओर कूच किया. पाकिस्तान ने अपने इस ऑपरेशन को ‘चंगेज खां’ नाम दिया. तीन दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के वायुसेना ने भारतीय वायुसेना पर हमला किया.


इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आल इंडिया रेडियो के माध्यम से देश के नाम संदेश जारी किया गया. पीएम ने अपने संदेश में कहा कि भारत पर हवाई हमला जंग का ऐलान है. इसके बाद भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान पर हमले के आदेश जारी कर दिए गए.


भारतीय वायुसेना ने इसके बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली. मुरीद, मिंयावाली, सरगोथा, चांदेर, त्रिसालेवाला, रफीकी और मसरुर एयरबेस को तबाह कर दिया. युद्ध के पहले दिन ही पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ.


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कारगिल


कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है उस युद्ध में भी वायुसेना का शैर्य को देखने को मिला. बता दें कि पाकिस्तान की सेना भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की. लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे. भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया. यह युद्ध ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ था इसलिए वायुसेना इस युद्ध में काफी अहम थी.


भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया. इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए. इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया.


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1965 में पाकिस्तान को चटाई धूल


पाकिस्तान ने 1965 में ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम शुरू किया जिसमें उसने जम्मू कश्मीर के महत्वपूर्ण शहर अखनूर को निशाना बनाया. उस वक्त भारतीय वायुसेना के प्रमुख अर्जन सिंह थे. उन्होंने साहस, प्रतिबद्धता और पेशेवर दक्षता के साथ भारतीय वायु सेना का नेतृत्व किया.


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बता दें कि युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के पास 28 लड़ाकू स्कैवड्रैन थे जबकि पाकिस्तान वायुसेना के पास केवल 11 थे. मगर पाकिस्तान ने ऐसे वक्त पर हमला किया जब भारतीय सेना इसके लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में कई लड़ाकू विमान उड़ान भरने से पहले नष्ट हो गए. लेकिन भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया और संघर्ष विराम लागू होने तक पाकिस्तान को काफी नुकसान पहुंचाया.