Garuda Bilateral Exercise: भारत और फ्रांस की वायुसेना ने मंगलवार (8 नवंबर) को राजस्थान के जोधपुर में 'गरुड़ VII' द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लिया. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (VR Chaudhari) ने राफेल (Rafale) लड़ाकू जेट में उड़ान भरी. वहीं फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल स्टीफन मिले ने भारतीय रूसी मूल के सुखोई-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी. 


जोधपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि 'गरुड़' एक ऐसा अभ्यास है जो हमारे पायलटों और चालक दल को फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के सर्वोत्तम पैकेजों के बारे में बताता है और बिल्कुल ऐसा ही अवसर फ्रांस को भी मिलता है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में दुनिया में कहीं भी किसी भी संघर्ष में, वायु शक्ति संघर्ष के परिणामों को तय करने में बहुत भूमिका निभाएगी. इस तरह के अभ्यास (गरुड़) हमें अपने कौशल को सुधारने का अवसर देते हैं. 


राफेल की पांच से छह स्क्वाड्रन की आवश्यकता


उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना की आवश्यकता के अनुसार, हमारी सूची में 4.5 पीढ़ी के विमानों को जोड़ना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. निश्चित रूप से, हमें तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 4.5 जेनरेशन एयरक्राफ्ट, इन विमानों (राफेल) के पांच से छह स्क्वाड्रन की आवश्यकता है. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि फ्रांसीसी वायुसेना भी राफेल उड़ाती है, हम भी राफेल उड़ाते हैं, लेकिन हम राफेल के साथ कई अन्य विमान उड़ाते हैं. यह सीखना महत्वपूर्ण है कि मित्र राष्ट्रों के साथ कैसे तालमेल बिठाया जाए. 


12 नवंबर को समाप्त होगा अभ्यास 


इस कार्यक्रम में फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल स्टीफन मिले ने कहा कि हम यहां भारतीय एयरक्रू के साथ उड़ान भरने के लिए आए हैं. इस एक्सरसाइज को करने से हम फ्लाइट के दौरान एक दूसरे को समझ पाते हैं. एक साथ उड़ान भरने और संचालन करने में सक्षम होना बहुत महत्वपूर्ण है. 'गरुड़ VII' अभ्यास 26 अक्टूबर को शुरू हुआ था और 12 नवंबर को समाप्त होगा. इसमें राफेल, तेजस, जगुआर और सुखोई-30 जैसे महत्वपूर्ण लड़ाकू जेट शामिल हैं. 


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